MP के सीधी जिले में पांच माह की बच्ची की तलाश में जंगल की खाक छान रही 80 लोगों की टीम

सीधी जिले में तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान मां लेकर गई थी जंगल, पेड़ के नीचे से लापता हो गई दुधमुंही बच्ची
 
Sidhi

सीधी में चार दिन बाद भी नहीं लगा कोई सुराग, - पुलिस, वन विभाग, एसडीआरएफ की टीम के साथ ग्रामिण सर्चिग में जुटे 

छुहिया घाटी के जंगल से लापता पांच माह की बच्ची का चार दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस, वन विभाग और एसडीआरएफ की 80 लोगों टीम के साथ ही ग्रामीण बच्ची की तलाश में जंगल की खाक छान रहे हैं, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चल रहा है। गौरतलब है कि रामपुर नैकिन के बुढगौना नई

बस्ती निवासी मो. इद्रीश की पत्नी खनीजो बेगम 19 मई को अपरान्ह करीब 3.30 बजे अपनी पांच माह की दुधमुंही बच्ची नासरीन को लेकर तेंदूपत्ता तोडने. छुहिया घाटी के जंगल में गई थी।

खनीजो ने नासरीन को पलाश के पेड़ के नीचे लिटाकर तेंदूपत्ता तोडने. लगी और तोड़ते-तोड़ते कुछ आगे तक निकल गई। कुछ देर बाद महिला लौटकर आई तो बच्ची वहां से गायब थी। आसपास तलाश करने के बाद शोर मचाया तो तेंदूपत्ता तुड़ाई कर रहे अन्य ग्रामीण भी आ गए और बच्ची की तलाश करने में जुट गए। काफी तलाश के बाद भी जब बच्ची का कहीं पता नहीं चला तो पुलिस चौकी पिंपरांव में शिकायत की गई। पुलिस अपहरण का अपराध दर्ज कर बच्ची की तलाश में जुटी हुई है।

एसपी ने गठित की सर्चिग टीम लापता बच्ची की तलाश के लिए पुलिस

अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा ने टीम गठित की है। इसमें पुलिस के करीब 40 अधिकारी-कर्मचारी, वन विभाग के करीब 25 कर्मचारी व एसडीआरएफ के करीब 15 सदस्यों के साथ ही आस पास के तेंदूपत्ता संग्राहक व ग्रामीण भी बच्ची की तलाश में जंगल की खाक छान रहे हैं।

तीन दिन में पांच किमी जंगल की सर्चिग

संयुक्त सचिंग टीम द्वारा तीन दिन में घटना स्थल से चारों ओर करीब 5 किमी क्षेत्र में सचिंग की जा चुकी है। पत्थरों के टीले नुमा जंगल में सचिंग करना भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जंगल में वन्य

प्राणियों का भी खतरा है, इसलिए टीम दिन में ही सचिंग कर रही है। लापता बच्ची की तलाश में डॉग स्क्वॉड टीम का भी सहयोग लिया गया है। सीधी जिले में डॉग स्क्वॉड की टीम नहीं होने के कारण रीवा से टीम बुलाई गई है, लेकिन डॉग घटनास्थल के आसपास ही घूम रहा है।

वन्य प्राणियों के शिकार की आशंका

चार दिन की लगातार तलाश के बाद भी नासरीन का कोई सुराग नहीं लगने पर ग्रामीणों द्वारा आशंका जताई जा रही है कि कहीं बच्ची को किसी वन्य प्राणी ने तो शिकार नहीं बना लिया। बताया गया कि छुहिया घाटी में बड़ी संख्या में लकड़बग्घा व सियार सहित अन्य वन्य प्राणी भी हैं।

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