गुलाब की ऑर्गेनिक खेती से महकता मुनाफा: कम लागत में लाखों की कमाई का जैविक तरीका

ऑर्गेनिक गुलाब की खेती किसानों के लिए लाभदायक विकल्प है। जानिए गुलाब की जैविक खेती की पूरी प्रक्रिया, लागत, उत्पादन और कमाई की जानकारी।
 
Rose Organic Farming in hindi
Rose Organic Farming in hindi: देश में फूलों की खेती तेजी से बढ़ रही है और गुलाब (Rose Farming) इसमें सबसे प्रमुख फसलों में से एक है। शादी-विवाह, पूजा-पाठ, इत्र, कॉस्मेटिक और दवा उद्योग में गुलाब की भारी मांग रहती है। बदलते समय के साथ अब किसान रासायनिक खेती छोड़कर ऑर्गेनिक गुलाब की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे लागत कम होती है और बाजार में बेहतर दाम मिलता है।
 गुलाब की ऑर्गेनिक खेती क्या है?
ऑर्गेनिक गुलाब की खेती वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक या खरपतवारनाशक का उपयोग नहीं किया जाता। इसके स्थान पर गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट, जीवामृत, नीम आधारित दवाइयों और जैविक तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।
 जलवायु और मिट्टी का चयन
गुलाब की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
तापमान: 15 से 30 डिग्री सेल्सियस
मिट्टी: दोमट या बलुई दोमट मिट्टी
pH मान: 6.0 से 7.5
खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए
 खेत की तैयारी
ऑर्गेनिक खेती में खेत की तैयारी सबसे अहम चरण होता है।
खेत को 2-3 बार गहरी जुताई करें
अंतिम जुताई के समय 10-15 टन सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टेयर डालें
2-3 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट मिलाना लाभकारी होता है
जैविक ट्राइकोडर्मा या पीएसबी कल्चर का प्रयोग करें
 गुलाब की किस्में (ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त)
पुसा अर्पिता
पुसा अजंता
ग्रांडीफ्लोरा
हाइब्रिड टी रोज
देशी गुलाब (गुलाब गलीचा)
 रोपाई का सही तरीका
रोपाई का उपयुक्त समय: अक्टूबर-नवंबर या फरवरी-मार्च
पौधों की दूरी:
पंक्ति से पंक्ति: 60-75 सेमी
पौधे से पौधा: 45-60 सेमी
रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें
 सिंचाई प्रबंधन
पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद
गर्मियों में 5-7 दिन में सिंचाई
सर्दियों में 10-12 दिन के अंतराल पर
ड्रिप सिंचाई से पानी और लागत दोनों की बचत होती है
  जैविक खाद और पोषण प्रबंधन
ऑर्गेनिक गुलाब खेती में निम्न खाद उपयोगी होती हैं:
वर्मी कम्पोस्ट: 2-3 टन प्रति हेक्टेयर
जीवामृत: 15 दिन में एक बार
घन जीवामृत: 200-300 किलो प्रति हेक्टेयर
नीम खली: 250 किलो प्रति हेक्टेयर
गोमूत्र अर्क: पौधों की वृद्धि के लिए
  कीट एवं रोग नियंत्रण (ऑर्गेनिक उपाय)
प्रमुख कीट:
माहू (Aphids)
थ्रिप्स
लाल मकड़ी
जैविक नियंत्रण:
नीम तेल 3-5 मिली/लीटर पानी
लहसुन-मिर्च-अदरक का घोल
दशपर्णी अर्क
ट्राइकोडर्मा से फफूंद रोग नियंत्रण
  छंटाई (Pruning)
साल में एक बार अक्टूबर-नवंबर में छंटाई करें
सूखी, कमजोर और रोगग्रस्त टहनियां हटाएं
इससे फूलों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ती है
   फूल तुड़ाई और उत्पादन
रोपाई के 3-4 महीने बाद फूल आना शुरू
सुबह के समय तुड़ाई करें
एक हेक्टेयर से 80-100 क्विंटल फूल तक उत्पादन संभव
ऑर्गेनिक गुलाब को बाजार में 20-30% अधिक दाम मिलता है
 कमाई और लाभ
लागत: 1.5-2 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर
आमदनी: 4-6 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर
शुद्ध मुनाफा: 2-3 लाख रुपये तक संभव

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