इंदौर–मनमाड़ रेललाइन पर बड़ी प्रगति, MP में शुरू हुआ जमीन अधिग्रहण, जल्द दौड़ेंगी ट्रेनें

इंदौर–मनमाड़ नई रेललाइन पर बड़ा अपडेट। मध्य प्रदेश में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू, रेलवे मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना। जानें परियोजना से जुड़ी पूरी जानकारी।

 
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इंदौर–मनमाड़ नई रेललाइन परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रेलवे मंत्रालय ने इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के लिए मध्य प्रदेश में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए रेलवे की ओर से आधिकारिक अधिसूचना (Notification) भी जारी कर दी गई है, जिससे यह साफ हो गया है कि यह परियोजना अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रही, बल्कि ज़मीनी स्तर पर आगे बढ़ चुकी है।

यह रेललाइन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को सीधे जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना मानी जा रही है। इसके पूरा होने के बाद इंदौर से मनमाड़ की दूरी कम होगी और यात्रियों को मुंबई, नासिक समेत महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों तक सीधी और तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी।

 क्या है इंदौर–मनमाड़ रेललाइन परियोजना?

इंदौर–मनमाड़ नई रेललाइन की कुल लंबाई करीब 309 किलोमीटर बताई जा रही है। यह रेल मार्ग मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी जिलों से होकर महाराष्ट्र के मनमाड़ तक पहुंचेगा। मनमाड़ रेलवे जंक्शन पहले से ही एक बड़ा रेल हब है, जहां से मुंबई, पुणे और दक्षिण भारत के लिए ट्रेनें जाती हैं।

इस परियोजना का उद्देश्य इंदौर को सीधे मुंबई–दिल्ली मुख्य रेल रूट से जोड़ना है, जिससे व्यापार, उद्योग और पर्यटन को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।

 जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मध्य प्रदेश में इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू कर दी गई है। इसके तहत प्रभावित गांवों और किसानों की भूमि का सर्वे किया जाएगा और फिर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा और किसानों को सरकार के तय नियमों के अनुसार उचित मुआवजा मिलेगा। इससे पहले इस परियोजना में सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण ही मानी जा रही थी।

परियोजना की लागत और समयसीमा

इंदौर–मनमाड़ रेललाइन परियोजना की अनुमानित लागत 18,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इस परियोजना को पूरा होने में लगभग 5 से 6 साल का समय लग सकता है।

रेलवे मंत्रालय का लक्ष्य है कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी कर निर्माण कार्य को तेज़ी से शुरू किया जाए, ताकि समय पर इस परियोजना को पूरा किया जा सके।

 मध्य प्रदेश को क्या होंगे फायदे?

इस नई रेललाइन से मध्य प्रदेश को कई बड़े फायदे मिलने वाले हैं—

इंदौर से मुंबई की दूरी और समय में भारी कमी

औद्योगिक शहर इंदौर को सीधे बड़े बंदरगाहों से कनेक्टिविटी

कृषि और औद्योगिक उत्पादों का तेज़ परिवहन

नर्मदा क्षेत्र और आदिवासी अंचलों का विकास

पर्यटन को बढ़ावा, खासकर महेश्वर, ओंकारेश्वर जैसे क्षेत्रों में

विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेललाइन मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

 महाराष्ट्र को भी मिलेगा लाभ

महाराष्ट्र के नासिक और मनमाड़ क्षेत्र के लिए भी यह परियोजना काफी अहम है। इससे नासिक व आसपास के इलाकों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों को इंदौर जैसे बड़े शहर तक सीधी रेल सेवा मिल सकेगी।

 स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और व्यापारिक संगठनों ने रेलवे मंत्रालय के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से लंबित इस परियोजना के ज़मीन पर उतरने से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।

हालांकि कुछ किसानों ने मुआवजे को लेकर अपनी चिंताएं भी जताई हैं, लेकिन प्रशासन का दावा है कि सभी समस्याओं का समाधान बातचीत के ज़रिये किया जाएगा।

आगे क्या?

अब जब जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो चुकी है, तो आने वाले महीनों में—

सर्वे और मुआवजा प्रक्रिया पूरी की जाएगी

टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा

निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत होगी

रेलवे मंत्रालय का कहना है कि परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा।

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