PFI के 22 सदस्यों पर आरोप तय, आतंकी ट्रेनिंग के मिले सबूत, जानिए क्या था इनका मकसद
People's Front of India: भोपाल से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां विशेष अदालत में प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पकड़े गए 22 सदस्यों पर आरोप तय कर दिए गए हैं. अभियोजन पक्ष के वकीलों की तरफ से कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया गया है. जिसमें आतंकी ट्रेनिंग और देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में इस वक्त PFI के 2000 से ज्यादा सदस्य है, जबकि 22 भोपाल जेल में इस वक्त बंद हैं.
बता दें कि इन सभी 22 आरोपियों पर IPC की धारा 121 A, 153B, 120B समेत UAPA की धाराओं में आरोप तय हुआ है. ये सभी भारत में खलीफा हुकूमत लाने के मंसूबे से काम कर रहे थे. जिसका मकसद 2047 तक देश मे खलीफा का शासन लाने की मंशा थी.
सितंबर 2022 में लगा था प्रतिबंध
PFI सितंबर 2023 में प्रतिबंध लगा दिया गया था. जिसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, श्योपुर समेत मालवा-निमाड़ के कई शहरों में कार्रवाई कर PFI 22 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. मार्च 2023 में MP ATS ने PFI के खिलाफ पेश 4 हज़ार पेज की चार्जशीट दायर की थी. 4 हज़ार पेज की चार्जशीट में PFI पर देश के खिलाफ षडयंत्र, भारत सरकार गिराने की साजिश रचने, शरिया कानून लागू करने का आरोप है. NIA की विशेष कोर्ट आरोप तय किए. इतना ही नहीं जिहादी गतिविधियों के लिए विदेशों से फंड मिलने के सबूत भी सामने आए हैं.
पीएफआई क्या है?
PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया साल 2006 में कर्नाटक से अस्तित्व में आया था. ये संगठन भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहता है. हालांकि इसे अब भारत में बैन कर दिया गया. इसका मकसद भी धर्मांतरण, हिंसात्मक और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का था.