32 फीट ऊंचाई से श्रद्धालु देख सकेंगे श्री महाकाल महालोक धर्मधानी का नजारा

इंतजार अब सिर्फ काम शुरू करने के लिए कागजी अनुबंध और जमीन आवंटित होने का है।
 
Ujjain

उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे का निर्माण, संचालन और रखरखाव कटक ओडिसा की एमएस इन्फ्राइंजीनियर्स कंपनी करेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक्स प्रबंधन (एनएचएलएमएल) ने 199 करोड़ रुपये में इस कार्य की जिम्मेदारी कंपनी को सौंप दी है। इंतजार अब सिर्फ काम शुरू करने के लिए कागजी अनुबंध और जमीन आवंटित होने का है। कहा गया है कि ढाई साल में प्रोजेक्ट पूरा होगा। 2027 में श्रद्धालु 132 फीट ऊंचाई से श्री महाकाल महालोक सहित संपूर्ण शहर का नजारा देख सकेंगे।

रोपवे सिस्टम, मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला तकनीक पर डिजाइन पर तैयार किया जाएगा। इसके स्काई कोच में बैठकर यात्री अधिकतम पांच से सात मिनट में 1.762 किलोमीटर लंबा सफर तय महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे। एक घंटे में दो हजार और दिनभर में 64 हजार यात्री इस सुविधा का लाभ ले पाएंगे। रोपवे के तीन बोर्डिंग स्टेशन बनेंगे।

पहला, इंदौरगेट रेलवे स्टेशन के समीप माल गोदाम क्षेत्र में। दूसरा, त्रिवेणी संग्रहालय के सामने पार्किंग स्थल से सटी तकिया मस्जिद वाली भूमि पर। तीसरा, गणेश कालोनी स्थित शासकीय माधवगंज स्कूल (रूद्रसागर पर निर्माणाधिन पैदल पुल के शुरूआती छोर के समीप)। इन सभी स्टेशन पर लोगों को फूड जोन, प्रतीक्षालय, शौचालय के साथ बस एवं कार पार्किंग की सुविधा मिलेगी। सुविधा सशुल्क होगी। संभावना है श्रद्धालुओं को रोप-वे सुविधा पाने के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति के मान से शुल्क चुकाना पड़े।

*बोर्डिंग स्टेशन के लिए रेलवे से भूमि आवंटन की मिली सैद्धांतिक स्वीकृति*
रेलवे स्टेशन परिसर में बोर्डिंग स्टेशन बनाने के लिए रेलवे ने अपनी 1487.360 वर्ग मीटर जमीन 35 वर्ष के लिए लीज पर मध्यप्रदेश शासन को देने की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी कर दी है। प्रशासकीय स्वीकृति, लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मध्यप्रदेश शासन द्वारा भूमि प्राप्त करने के एवज में चाहे साढ़े 14 करोड़ रुपये रेलवे को चुकाने पर मिलने की उम्मीद है। इधर, स्थानीय प्रशासन ने दूसरा बोर्डिंग स्टेशन बनाने के लिए चिहि्नत तकिया मस्जिद से सटी 2.135 हेक्टेयर जमीन खाली कराने की तैयारी भी शुरू कर दी है। अगले कुछ दिनों में चिहि्नत जमीन पर बसे 256 परिवारों को भूमि-भवन छोड़ने के लिए नोटिस जारी होने वाला है। कहा गया है कि भूमि अधिग्रहित करने के एवज में प्रभावित परिवारों को 66 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। जमीन खाली होने पर यहीं 150 करोड़ रुपये से 2000 वाहन पार्क करने की क्षमता वाला मल्टीलेवल पार्किंग जोन भी बनाया जाएगा। रोप-वे संचालन के लिए मार्ग में 13 टावर बनाए जाएंगे।

*फायदा : सड़क पर यातायात का दबाव कम होगा*
रोप-वे सुविधा प्रारंभ होने पर महाकाल मंदिर पहुंच सड़क मार्ग पर यातायात का दबाव कम होगा। प्रशासन को भीड़ प्रबंधन में भी मदद मिलेगी। श्रद्धालु कम समय में हवाई रास्ते से महाकाल मंदिर जाने का लुत्फ उठा सकेंगे। ऊंचाई से श्री महाकाल महालोक और शहर का नजारा देखने का रोमांचित अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।

रात के वक्त ऊंचाई से श्री महाकाल महालोक में म्युजिकल फांउटेन, भव्य लाइट एंड साउंड शो को देखना भी अच्छा अनुभव होगा। रोप-वे परियोजना से पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ने की उम्मीद है।

*2022 में हुई थी रोप-वे संचालन की घोषणा*
दो साल पहले 24 फरवरी 2022 को उज्जैन आए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे का विकास एवं संचालन करने की घोषणा की थी। कुछ महीने बाद उन्होंने रोप-वे निर्माण के लिए 209 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर भी साझा की थी। ट्विटर पर लिखा था कि जुलाई- 2023 में रोप-वे का शिलान्यास करेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। अब भी प्रोजेक्ट कागजों में अटका पड़ा है।

*इनका कहना*
उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे का निर्माण, संचालन और रखरखाव कटक (ओडिशा) की एमएस इन्फ्राइंजीनियर्स कंपनी करेगी। अनुबंध होने के बाद प्रोजेक्ट लगभग ढाई वर्ष में पूर्ण होगा।'
*- रवीन्द्र गुप्ता, संभागीय अधिकारी, एनएचएलएमएल*

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