Emergency Tips During Heart Attack : हार्ट अटैक की इमरजेंसी में ये 5 कदम उठाएं, जान बचाएं

Emergency Tips During Heart Attack : हार्ट अटैक एक गंभीर स्थिति है, जो अचानक होने पर जानलेवा साबित हो सकती है। हालांकि, हार्ट अटैक से पहले शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
 
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Emergency Tips During Heart Attack : हार्ट अटैक से पहले शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, लेकिन कई बार लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे में अचानक हार्ट अटैक आने पर यह जानना बहुत जरूरी है कि मरीज को क्या उपचार देना चाहिए।

हार्ट अटैक (Heart Attack) के दौरान अगर कुछ खास उपाय किए जाएं, तो इमरजेंसी स्थिति में मरीज की जान बचाई जा सकती है। तो आइए, जानते हैं कि हार्ट अटैक के दौरान क्या करना चाहिए।

हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें: Symptoms of a heart attack:

उल्टी आना
सीने में तेज दर्द
चक्कर आना
हाथों, उंगलियों, कंधे, गर्दन, और पीठ में दर्द
अशांत मन और बेचैनी
सांस लेने में कठिनाई
ज्यादा पसीना आना
कमजोरी महसूस होना
तनाव और घबराहट

हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करें:

मरीज को तुरंत जमीन पर लिटा दें:

हार्ट अटैक (Heart Attack) आने पर सबसे पहले मरीज को लिटा दें और उसके टाइट कपड़े खोल दें। मरीज के सिर को नीचे की ओर करके उसके पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर लिटाएं, ताकि ब्लड की सप्लाई दिल की ओर बढ़ सके।

कृत्रिम सांस दें:

मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर कृत्रिम सांस दें। नथुने दबाने से हवा सीधे फेफड़ों तक जाएगी। लंबी सांस लेकर अपना मुंह मरीज के मुंह से चिपकाएं, ताकि हवा बाहर न निकले। फिर मरीज का तकिया हटा कर उसकी ठोड़ी को ऊपर उठाएं ताकि सांस की नली खुली रहे।

सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) दें:

मरीज की नब्ज और सांस चेक करें। अगर नब्ज नहीं चल रही हो, तो हॉस्पिटल पहुंचने तक सीपीआर करें। इसके लिए मरीज को पीठ के बल लिटाकर अपनी हथेली को सीने के बीच में रखकर दबाएं। यह प्रक्रिया प्रति मिनट कम से कम सौ बार करें।

इमरजेंसी फोन करें:

तुरंत इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को कॉल करें। अपने फोन में हमेशा इमरजेंसी नंबर सेव करके रखें।

एस्प्रिन या सोर्बिट्रेट दें: Give aspirin or sorbitrate:

अगर घर में ऐस्पिरिन है तो मरीज को उसे चबाने के लिए दें। हार्ट के मरीज के लिए हमेशा 5 एमजी सोर्बिट्रेट दवा अपने पास रखें और अटैक की स्थिति में इसे मरीज की जीभ के नीचे रख दें। इसके बाद उन्हें गहरी सांस लेने के लिए कहें ताकि फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी न हो। यह दवा तत्काल आराम दिलाती है।