जैविक खेती से पहले किसान बचे! पुरवा गौ अभ्यारण में फसल बर्बादी पर प्रमोद शर्मा ने उठाई आवाज

सेमरिया के पुरवा गौ अभ्यारण में जैविक खेती के शुभारंभ से पहले आवारा गौवंश से परेशान किसानों की समस्या का समाधान जरूरी। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर स्थायी समाधान की मांग की जाएगी।

 
Pramod sharma

सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित पुरवा बासमन मामा गौ अभ्यारण एक बार फिर चर्चा में है। आगामी 25 दिसंबर को यहां देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह के आगमन का प्रस्तावित कार्यक्रम है, जिसमें जैविक खेती के शुभारंभ की घोषणा की जानी है। यह पहल निश्चित रूप से किसानों और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, लेकिन इस कार्यक्रम से पहले क्षेत्र के किसानों की गंभीर समस्याओं का समाधान आवश्यक बताया जा रहा है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि गौ अभ्यारण की स्थापना भले ही गौवंश संरक्षण के उद्देश्य से की गई हो, लेकिन इसकी अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण आसपास के सैकड़ों किसान भारी संकट में हैं। अभ्यारण से निकलने वाले आवारा गौवंश किसानों की खड़ी फसलों को पूरी तरह नष्ट कर रहे हैं। धान, गेहूं, चना, सरसों और सब्जियों की फसलें आए दिन चौपट हो रही हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रात-दिन रखवाली के बाद भी सुरक्षित नहीं फसलें
किसानों का दर्द यह है कि वे रात-दिन खेतों की रखवाली करने को मजबूर हैं, फिर भी फसलें सुरक्षित नहीं रह पा रही हैं। कई किसान परिवार खेतों में झोपड़ी बनाकर रात गुजार रहे हैं, लेकिन गौवंश के झुंड अचानक आकर पूरी मेहनत पर पानी फेर दे रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि कई किसानों ने खेती छोड़ने का मन बना लिया है, वहीं कुछ परिवार पलायन को मजबूर हो चुके हैं।
जैविक खेती की पहल स्वागतयोग्य, लेकिन पहले किसान बचे
पूर्व जिला अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी, प्रमोद शर्मा ने कहा कि जैविक खेती का शुभारंभ एक सराहनीय कदम है और इससे भविष्य में किसानों को लाभ मिल सकता है, लेकिन मौजूदा हालात में किसान अपनी मूल जीविका से ही वंचित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब किसान की फसल ही सुरक्षित नहीं है, तो जैविक खेती का सपना कैसे साकार होगा?
प्रमोद शर्मा का कहना है कि सरकार को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गौ अभ्यारण की व्यवस्था ऐसी हो जिससे गौवंश भी सुरक्षित रहे और किसानों की फसल भी नष्ट न हो। जैविक खेती की शुरुआत से पहले किसानों की समस्याओं का समाधान करना ही इस पहल को सफल बना सकता है।
गृह मंत्री से मुलाकात कर रखी जाएगी मांग
इन्हीं गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए प्रमोद शर्मा के नेतृत्व में किसानों और जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधि मंडल गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। प्रतिनिधि मंडल का उद्देश्य है कि देश के गृह मंत्री को सीधे तौर पर किसानों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाए और इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की जाए।
किसानों का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और व्यावहारिक समाधान की आवश्यकता है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो क्षेत्र में खेती पूरी तरह चौपट हो सकती है।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों और जनप्रतिनिधियों की ओर से निम्न प्रमुख मांगें रखी गई हैं—
गौ अभ्यारण की सीमा को मजबूत और सुरक्षित किया जाए, ताकि गौवंश बाहर न निकल सके।
आवारा गौवंश के नियंत्रण के लिए स्थायी प्रबंधन व्यवस्था बनाई जाए।
जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, उन्हें तत्काल और उचित मुआवजा दिया जाए।
किसानों को बिना भय और तनाव के खेती करने का सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाए।
जिला प्रशासन से भी की गई अपील
इस पूरे मामले में जिला प्रशासन से भी मांग की गई है कि गृह मंत्री के दौरे के दौरान किसानों के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसानों का मानना है कि यदि उनकी पीड़ा सीधे गृह मंत्री तक पहुंचेगी, तो इस समस्या का शीघ्र और स्थायी समाधान संभव हो सकेगा।
किसान हित में जरूरी ठोस निर्णय
किसानों का स्पष्ट कहना है कि वे गौवंश संरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन संरक्षण की जिम्मेदारी ऐसी होनी चाहिए कि किसान की फसल और आजीविका नष्ट न हो। जैविक खेती की सफलता तभी संभव है, जब किसान आर्थिक रूप से मजबूत होगा और उसे अपनी फसल की सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।
किसान हित में यह अत्यंत आवश्यक है कि जैविक खेती के शुभारंभ से पहले किसानों की सुरक्षा और उनकी खेती की रक्षा सुनिश्चित की जाए। तभी यह पहल केवल एक आयोजन न रहकर किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकेगी।
जारीकर्ता:
प्रमोद शर्मा
पूर्व जिला अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी
सेमरिया विधानसभा क्षेत्रhttps://youtu.be/qrF6i1jsuQQ?si=FnbRTna0JCu3yBSf

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