बाजार की दुकानों में बेच दिया गया गरीबों को मिलने वाला सरकारी अनाज

ग्रामीण क्षेत्र में राशन वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
 
Mp

लेकिन इस योजना में चल रही लापरवाही और भ्रष्टाचारी की चलते  गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पाता

 कहीं निर्धारित अनाज की मात्रा से कम अनाज दिया जाता है तो कहीं पर ज्यादा पैसे लेकर गरीबों को लूटा जाता है कुछ इलाकों का हाल तो इतना बुरा है कि कई महीनो से गरीबों को सरकारी अनाज का एक दाना भी नहीं मिला 

टीकमगढ़ जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पिछले 3 महीने से मिलने वाला सरकारी राशन लोगों को नहीं दिया गया

 ग्रामीणों का कहना है कि उचित मूल्य की दुकान का संचालन करने वाले संचालकों के द्वारा चोरी से यह राशन बेच दिया गया है इसके साथ ही बताया गया कि जिला प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते राशन वितरण का कार्य सरकारी समिति से छीन कर प्राइवेट एजेंसियों को दे दिया और अब ये लोग अपनी मनमानी कर रहे हैं 


लोगों ने यह भी बताया है कि स्थानीय सरकार  इन भ्रष्टाचार संचालकों की मदद करती है जिसके चलते इन संचालकों के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती अगर कोई गरीब व्यक्ति राशन लेने के लिए जाता भी है तो उसे हर बार बस यही कहा जाता है कि अभी राशन नहीं आया है 

इस तरह की भ्रष्टाचारी प्रदेश के और भी कई क्षेत्रों में चल रही है इस पूरी व्यवस्था को ठीक करने के लिए इन मामलों में सरकार को कड़ी कार्यवाही करनी पड़ेगी

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