MP के सबसे बड़े हनी ट्रैप केस में सुनवाई आज, 'कमलनाथ के पास कैसे आए सबूत' देना होगा जवाब

Madhya Pradesh News: करीब 4 साल पुराने मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित हनी ट्रैप केस एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. हाल ही में आदर्श कटियार को मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के नए चीफ की जिम्मेदारी मिली है और आज कोर्ट में सुनवाई.
 
कमल

MP Honey Trap Case: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में सोमवार को इंदौर कोर्ट में सुनवाई होगी. आज एसआईटी चीफ आदर्श कटियार कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेंगे. करीब 4 साल पुराना हनी ट्रैप केस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. एडीजी इंटेलिजेंस रहे आदर्श कटियार को कुछ दिन पहले ही एसआईटी चीफ के रूप में नियुक्त किया गया है. 

आज होने वाली सुनवाई में सरकार को जवाब देना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जो नोटिस भेजा था, उस पर क्या एक्शन हुआ? दरअसल, हनी ट्रैप मामले का खुलासा सितंबर 2019 को हुआ था, जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी. कमलनाथ ने मीडिया में कहा था कि उनके पास हनी ट्रैप की पूरी सीडी और पेन ड्राइव है. इसके बाद आरोपियों के वकील ने आपत्ति जताते हुआ पूछा था कि कमलनाथ के पास ये पेन ड्राइव कैसे पहुंची?  

आदर्श कटियार बने एसआईटी चीफ
हाल ही में आदर्श कटियार को मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के नए चीफ की जिम्मेदारी मिली है. आदर्श कटियार साफ-सुथरी छवि के अधिकारी माने जाते हैं. माना जाता है कि वे किसी के दबाव-प्रभाव में नहीं आते. एसआईटी चीफ बनने के बाद कटियार का पहला टेस्ट इंदौर कोर्ट में आज होगा. हालांकि, 2019 से लेकर अब तक 4 एसआईटी चीफ बदल चुके हैं. 
 
साल 2019 में आया था मामला 
सितंबर 2019 में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर ने अश्लील वीडियो के जरिए 3 करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल करने का केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने हनीट्रेप का खुलासा किया था. नीट्रैप और ब्लैकमेल कर इंजीनियर से तीन करोड़ रुपए मांगने के आरोप में पुलिस ने इंदौर और भोपाल से 5 युवतियों आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन पति विजय जैन, श्वेता जैन पति स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया था. वर्तमान में सभी जमानत पर बाहर हैं. इसीसे जुड़े मानव तस्करी के मामले में भोपाल के थाने में एक दूसरा केस भी दर्ज किया गया था. पीड़ित लड़की ने बताया था कि आरोपी महिलाएं उसे अमीर लोगों के पास भेजकर उनके वीडियो बनवाती थीं. जिसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर वसूली की जाती थी.

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