रीवा की जनता हो जाय सावधान नहीं तो साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर भूलकर भी न करें ये गलती, फंस सकती है आपकी मेहनत की कमाई
रीवा जिले के नेहरू नगर क्षेत्र की व्यापारी को डिजिटल अरेस्ट कर 10 लाख 73 हजार रुपए हड़पने के मामले में 6 दिन की देरी से की गई शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस की जांच में बाधक बन रही है ।
फर्जी नाम-पते पर लिए गए जिन मोबाइल नंबर से व्यापारी के पास कॉल आई थी, वह सब अब इस्तेमाल में नहीं है। इसी तरह से फर्जी नाम-पते पर खोले गए जिन खातों में पैसे का लेनदेन किया गया था, वह भी खाली हो गए हैं।
ऐसे में साइबर फ्रॉड की इस घटना के 6 वें दिन भी पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली रहे। पुलिस सर्विलांस और डिजिटल फुट प्रिंट की मदद से साइबर जालसाजों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
नेहरू नगर नितिन वर्मा के व्हाट्स एप नंबर पर गत 10 नवम्बर को जालसाज ने वीडियो कॉल कर बताया की आपके खिलाफ दिल्ली में एफआईआर हुई है आपके आधार कार्ड से बैंक खाता खोला गया था जिससे 180 करोड़ की ड्रग्स खरीदी गई है इसके लिए आपके सभी बैंक खातों की जांच करनी है।
उसने भी वीडियो कॉल पर व्यापारी को उन्हें और उनके परिवार को लेकर इतना धमकाया कि वह डर गया। फिर, उसने कहा कि आप अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दीजिए। इसके लिए भेजे जा रहे अकाउंट नंबर में तत्काल अपने बैंक खाते का सारा पैसा ट्रांसफर कर दीजिए। 24 घंटे में सारा पैसा वापस हो जाएगा। इसके बाद नितिन ने रुपए वापस मांगे तो फोन कट गया। पीड़ित ने दूसरे दिन परिजनों को जानकारी दी तब ठगी का पता चला। शिकायत पर समान थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है पुलिस साइबर सेल की मदद से जांच कर रही है।
नितिन वर्मा को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहे।
ऐसे फोन से घबराएं नहीं, तत्काल शिकायत करें।
साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने कहा कि पहली बात तो कूरियर पकड़े जाने या गिरफ्तारी वारंट या सीबीआई या आरबीआई बताते हुए फोन आए तो घबराने की कोई बात नहीं है। अनजान वीडियो कॉल रिसीव न करें। इसके बावजूद यदि साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाएं तो साइबर क्राइम थाने जाकर तत्काल शिकायत करें। शिकायत करने में जितनी जल्दी करेंगे, कार्रवाई में उतनी ही सहूलियत मिलेगी।