MP के रीवा जिले में थाना प्रभारी की गाड़ी बनी बारात की शान

चाकघाट! ताजा मामला चाकघाट थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां थाना प्रभारी चाकघाट लिखी सरकारी गाड़ी बारात में दौड़ती नजर आई। इस गाड़ी में बाराती मौज-मस्ती कर रहे थे, और इसे किसी वीआईपी की सवारी की तरह पेश किया जा रहा था।
जब स्थानीय लोगों ने इस अनोखे नजारे को देखा और सवाल किया, तो जवाब भी उसी तरह मज़ेदार था हम ऐसे ही गाड़ी का उपयोग करते हैं, जब थाना प्रभारी को जरूरत होगी तो ले लेंगे! अब यह जवाब किसी चुटकुले से कम नहीं, क्योंकि जनता की सुरक्षा के लिए दी गई गाड़ी पर अब ढोल-नगाड़े बज रहे हैं और बत्तीसी चमकाते बाराती उसमें सफर कर रहे हैं।
*सरकारी संसाधनों पर निजी जश्न!*
बड़ा सवाल यह है कि यह गाड़ी थाना प्रभारी के आधिकारिक उपयोग के लिए है या निजी समारोहों में धूम मचाने के लिए ? क्या सरकारी डीजल-पेट्रोल से अब बारातें चलाई जाएंगी? अगर ऐसा ही है, तो पुलिस विभाग को बारात सेवा केंद्र घोषित कर देना चाहिए, ताकि आम जनता भी इसका लाभ उठा सके!
*यूपी पासिंग गाड़ी, एमपी में सेवा! कौन सा नया नियम लागू हुआ?*
इस मामले का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि गाड़ी उत्तर प्रदेश पासिंग है, लेकिन मध्य प्रदेश में थाना प्रभारी इसका उपयोग कर रहे हैं। यह किस नियम के तहत संभव हुआ, यह तो खुद थाना प्रभारी ही बता सकते हैं, या फिर कानून भी बारात में शामिल होकर जश्न मना रहा है!
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर कोई सख्त कदम उठाता है या मामला ठंडे बस्ते में डालकर शादी के सीजन का हिस्सा मान लिया जाता है। अगर इसी तरह सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग होता रहा, तो जल्द ही पुलिस वाहन एंबुलेंस और सरकारी गाड़ियां शादी-ब्याह में नाचते-गाते नजर आएंगी। क्या यह भ्रष्टाचार का नया ट्रेंड है? या फिर नियम-कानून भी अब बाराती बन गए हैं?