SHAHDOL में... प्रधानमंत्री की मंशा पर फिर रहा पानी: लक्ष्यहीन कार्य बन रही परेशानी का सबब और सो रहे जिम्मेदार, जल जीवन मिशन बनी हाथी दांत

Shahdol MP News : उठ रही मांग- राज्य स्तरीय जांच एजेंसी करे भ्रष्टाचार की जांच। 
 
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विनय शुक्ला (अकेला), शहडोल। यह तो हम सभी जानते हैं कि, जल के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। शायद इसी विषय को गंभीरता से लेते हुए, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण को लेकर जल जीवन मिशन की शुरुआत की। मिशन को हर घर जल योजना का नाम भी दिया गया। जिसके तहत भारत सरकार ने जिले के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को घर-घर साफ और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा। लेकिन, प्रधानमंत्री की मंशा के विपरीत यह मिशन संभाग भर में दम तोड़ता दिखलाई पड़ रहा है।

दूसरी ओर इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा जिन जिम्मेदार कंधों पर सौंपा गया है, वह कंधा मानो अनदेखी और लापरवाही के बोझ तले दबा कुचला सा नजर आ रहा है। यही वजह है कि, संभाग के तीनों जिलों (शहडोल, अनूपपुर व उमरिया) में समय सीमा पूर्ण होने के बावजूद यह मिशन आज भी आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। पीएचई विभाग के अधीन संचालित इस मिशन (हर घर जल योजना) के नोडल अधिकारी से लेकर अधिनस्थ जिम्मेदार, मानो कुंभकर्णी निद्रा में लीन हैं। इस महत्वपूर्ण योजना को नजर अंदाज करते हुए सभी के सभी अपने दायित्व के प्रति उदासीन नजर आ रहे हैं।

अनुबंध समाप्त, गुणवत्ता ताक पर रखकर काम फिर भी जारी

जिन ठेकेदारों से संबंधित विभाग का अनुबंध हुआ, वह समय सीमा पर नल जल योजना का कार्य पूर्ण नहीं कर सके। अभी भी वह गुणवत्ता विहीन कार्य करने आमदा हैं। लोगों का आरोप है कि, विभागीय आला अधिकारी व कर्मचारी भी इस भ्रष्टाचार में सम्मिलित हैं। मेसर्स आर्यन कंस्ट्रक्शन एवं सतीश गुप्ता, जेएसके कंस्ट्रक्शन, सुशील कुमार पाण्डेय, सानू सिंह, राजेश सिंह, प्रदीप सिंह, अनिल जसवानी, शिव इंफ्रा सतना, ओम कंस्ट्रक्शन, आशीष सरस कंस्ट्रक्शन, इसकावर गुजरात, धनंजय कुमार सिंह, अनिरुद्ध प्रसाद बिहार, अभिषेक सिंह, आरा भोजपुर, चिंतन कुमार जगदीश, सतीश कुमार गुप्ता, निखिल बिल्डिंग मटेरियल, आशीष कुमार मिश्रा, ओम कंस्ट्रक्शन, स्क्वायर कंस्ट्रक्शन आदि ऐसे कई ठेकेदार हैं, जिनका अनुबंध समाप्त हो चुका है। किंतु, विभागीय अधिकारी इन ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने के बजाय गुणवत्ता विहीन कार्य करा रहे हैं और केंद्र व राज्य सरकार के योजनाओं को पलीता लग रहे हैं।

योजना बन रही परेशानी का सबब

संभाग भर के कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जहां आज भी इस योजना का लाभ पाने के लिए स्थानीय जन ताक में हैं। विचारणीय है कि, यह लाभकारी मिशन लोगों के परेशानी का सबब भी बना हुआ है। ठेकेदारों की मनमानी और लापरवाही को अनदेखी करने वाले जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को लोग कोस रहे हैं। उल्लेखनीय है कि, कई जगहों पर पानी पहुंचाने के लिए ठेकेदारों ने आज तक पाईप लाईन तक नहीं बिछाई है। कई स्थानों पर तो उन्होंने रोड खोदकर पाइप लाइन डालकर ही इतिश्री कर ली है, कनेक्शन आज भी नहीं हुए हैं।

यह रहा सरकार के इस मिशन का लक्ष्य

इस मिशन के सफलतापूर्वक संचालन के लिए 5 वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है। मिशन की मुख्य विशेषता यह है कि, सभी ग्रामीण घरों तक घरेलू नल कनेक्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए, इस योजना के माध्यम से राज्यों के उन सभी इलाकों में पानी की सुविधा पहुंचना है। जहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। स्थानीय जल संस्थाओं के प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए, घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध करवाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूलों, ग्राम पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराकर पाइपलाइन जल आपूर्ति अवसंरचना का विकास करना। सभी महिलाओं एवं बालिकाओं और प्रत्येक घर के सदस्यों को पानी का लाभ मिल सके, उन्हें पानी के लिए कोसों मील दूर पैदल न जाना पड़े। बावजूद इसके, आज भी हालात, जस का तस ही प्रदर्शित है।

पहली बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों की भ्रष्टाचार की पोल तो, हालही में हुए बारिश ने खोलकर रख दी है। हालत यह है कि, क्षेत्र की आम जनता पैदल चलने को मजबूर है। बड़ा सवाल यह है कि, क्या केंद्र और राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना को लक्ष्य पूर्णता तक पहुंचाने वाले जिम्मेदार संबंधित आला अधिकारियों ने कभी ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे करने का काम नहीं किया? यदि हां, तो संभवतः यह तस्वीर सामने न होती। मांग है कि, मिशन की समीक्षा राज्य की किसी बड़ी जांच एजेंसी से कराई जाए। जांच हुई तो, हजारों करोड़ों का भ्रष्टाचार निकलकर सामने आ जाएगा। इतना ही नहीं, विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ भी स्पष्टतः सामने आ जाएगी। अब देखना यह है कि, उक्त भ्रष्टाचार की जांच कब तक और किस तरीके से होती है।

इनका कहना है

जिन ठेकेदारों के अनुबंध समाप्त हो चुके हैं उन्हें नोटिस जारी की गई है। भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता संबंधित मामले की जांच कराई जाकर, दोषियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

अफजल अमानुल्लाह, ईई
पीएचई विभाग, शहडोल।

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