MP News: प्रदेश का पहला ग्रामीण फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर तैयार,जानिए क्या है इसका उपयोग
इस ट्रीटमेंट प्लांट में किचन और मल प्रबंधन किया जाएगा 15 किलोमीटर के दायरे की ग्राम पंचायतों के लिए एक कलस्टर बनवा कर इसे चालू किया जाएगा जिसमें लगभग 2000 से अधिक शौचलयो का प्रबंधन किया जाएगा, प्रदेश से गंदगी हटाने के लिए यह ट्रीटमेंट प्लांट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला प्रोजेक्ट के रूप में सामने आया है। इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने ने की थी इसी तहत इसे तैयार किया जा रहा है इस प्लांट में मौजूद सभी कीचड़ और मल से खाद बनाया जाएगा।
शौचालय के मल से तैयार किया जाएगा खाद
हरन्या पंचायत के सरपंच सचिन साहू ने बताया कि शौचालय के सेफ्टी टैंक को 3 से 5 सालों के भीतर खाली करवा देना चाहिए लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं करवाया जाता है, अगर कोई इसे खाली करवाता है तो इससे निकलने वाले मलको नदी के किनारे खाली जगहों पर या खेत में डाल देते हैं जिसकी वजह से गंदगी फैलती है और लोगों को तरह-तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब इस ट्रीटमेंट प्लान के जरिए निकलने वाली गंदी मलको खाद बनाने की योजना शुरू की गई है जो अगले महीने हरनया में शुरू हो जाएगी।
प्लांट बनाने में आया 1000000 का खर्चा
फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की इस योजना के तहत 15 किलोमीटर के दायरे की सभी पंचायतों के शौचालय का मल स्लज वैक्यूम मशीनों के जरिए खाली करावा कर प्लांट को भेजा दिया जाएगा, जहां इसे ट्रीट कर खाद में बदल दिया जाएगा फिलहाल क्षेत्र के 1840 विचारों के लिए इसे तैयार किया जा रहा है यह 40000 की आबादी पर काम करने में सक्षम रहेगा इस प्लांट को तैयार करने में ₹1000000 की राशि का खर्चा आया है जिसे चलाने के लिए 2 लोगों की जरूरत होती है हालांकि इसका संचालन स्व सहायता समूह संभालेगी।
तीसरी पीढ़ी के है यह सरपंच जनता के लिए फैसला बड़ा
इस प्लांट को लगाने का फैसला 94 पंचायत में चुने गए सबसे कम उम्र के सरपंच सचिन साहू ने लिया है, जानकारी के मुताबिक सचिन साहू इस पंचायत के तीसरी पीढ़ी के सरपंच हैं उनके दादा परमानंद साहू इस पंचायत में पिछले 25 साल सरपंच रहे जबकि दारी दुर्गाबाई 5 साल तक सरपंच का पदभार संभाले सचिन के पिता दिनेश साहू भी 7 साल तक सरपंच रहे हाल ही में हुए चुनाव में सचिन चुनाव जीतकर सरपंच का पदभार संभाले हैं।