कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने सीएम शिवराज को लिखा एक पत्र कहा- कॉलेज के प्रोफेसरों और प्राचार्य को ABVP द्वारा फसाया जा रहा

 
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने सीएम शिवराज को लिखा एक पत्र कहा- कॉलेज के प्रोफेसरों और प्राचार्य को ABVP द्वारा फसाया जा रहा

जिसको लेकर कांग्रेस भी अब मैदान में आ चुकीं है. वही कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव द्वारा एक वीडियो जारी किया गया जिसमे उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग हिंदू मुस्लिम की राजनीति करते है. दरअसल, इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में एक बार फिर से सामूहिक हिंसा और दांडित न्याय पद्धति के चलते सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. इस विवाद में कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दिया और चार अन्य लोगों पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.

कांग्रेस ने कहा एक किताब को लेकर प्रोफेसर को किया जा रहा टारगेट

इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है कि इस शासकीय लॉ कॉलेज में एक किताब है, जो विवाद के नजरिए से देखी जाती है लेकिन इस किताब का प्रोफेसरों से क्या नाता जिसके लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इस विवाद का षड्यंत्र एबीवीपी के ऐसे छात्र ने मिलकर रचे है, जो कॉलेज में एडमिशन नहीं करा पाएं थे. वही कांग्रेस कमेटी से मध्यप्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव द्वारा एक वीडियो जारी किया गया जिसमे उन्होंने कहा कि शासकीय लॉ कालेज के पांच प्रोफेसर समेत कॉलेज के प्राचार्य के ऊपर शिक्षा माफियाओ द्वारा इस प्रकार षड्यंत्र रचा गया ताकि उन्हें उनके पद से हटाया जा सके. धर्म से जोड़ते हुए ज्ञान के मंदिर का केवल और केवल हनन किया जा रहा है. ये ऐसा इसलिए हो रहा है चूंकि, इस बार कॉलेज में सबसे ज्यादा बीए एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश का दबाव बना हुआ था, और इस लॉ कालेज में प्रवेश को लेकर समस्त नियमों का पालन बहुत ही कड़ाई से कराया गया.

प्रदेशसचिव ने कहा ये सब सोची समझी साजिश थी-

कॉलेज में एडमिशन के दौरान कड़ाई रखी गई थी जिसके वजह से छात्र नेताओं ने एडमिशन में कोई दलाली नही सके, उसी बात का खुन्नस निकलकर ये लोग कॉलेज को टारगेट कर रहे है, इस कारण से ऐसे लोगो ने मिलकर प्रोफ़ेसरों के खिलाफ गलत आरोप लगा रहे और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे है. विवाद के बाद कांग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव ने स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि कॉलेज में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच निष्पक्ष एजेंसी के हाथ में दे दी जाए. इतना ही नही यह भी पता लगना चाहिए की जिस बुक को लेकर इतना बड़ा विवादित हो रहा है उसे लाइब्रेरी में किसने खोजकर निकली और उसे विवाद का जरिया बनाया. जबकि, एलएलएम की लाइब्रेरी में कोई एक बुक नही है यहां तो सैकड़ों किताबें लॉ से संबंधित लॉ स्टूडेंट्स के रखी गई हैं फिर उस छात्र या वायक्ती की नजर उस किताब पर पड़ी और वह निकलकर विवाद पैदा करने का जरिया बना लिया. हैरान कर देने वाली बात यह है की यह बुक आज नही रखी गई है, यह बुक 2014 से ही लाइब्रेरी पड़ी थी. इस किताब से एलएलएम से जुड़े बातों को नही दर्शाया जाता है. और इसलिए यह जांच का विषय बनता है क्योंकि कि कॉलेज का माहौल इतना बिगड़ चुका है, की जिसकी कोई सीमा नहीं है, हमे तो यह सोची समझी साझिस लगती है.

सीएम को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच करने की मांग में डीएवीवी के एक प्रोफेसर की अहम भूमिका बताई जा रही है. वहीं पत्र में लिखा गया है की प्राचार्य और प्रोफेसर का इस्तीफा स्वीकार न किया जाए. और उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप किसी मानित व्यक्ति पर लगाना प्रदेश की शर्मनाक स्थिति को दर्शाता है. क्या अब मध्य प्रदेश में कानून का राज खत्म हो चुका है और तालिबानी राज चल रहा है, यह बात मुख्यमंत्री को जरूर स्पष्ट करना चाहिए. वहीं यादव ने भाजपा पर तंज सकते हुए बोले कि प्रदेश में चुनाव नजदीक आ रहा है, जिसके लिए बीजेपी हिंदू मुस्लिम की राजनीति खेल रही है. हमने मुख्यमंत्री से यही निवेदन किया है की इस मामले की निस्पक्ष रूप से जांच कराई जाए ताकि जो दोषी हो उन्हें सजा मिल सके।

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