ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन परियोजना: रीवा-गोविंदगढ़ रेलखण्ड के कार्य को लेकर बड़ा UPDATE

Lalitpur Singrauli Railway Line Project News: वर्ष 2023 में नई रेललाइन, दोहरीकरण एवं तिहरीकरण रेलवे परियोजनाओं 245 किमी के कार्य हुए पूर्ण
 
Lalitpur Singrauli Railway Line Project News

Lalitpur Singrauli Railway Line Project In Hindi: भारतीय रेल (Indian Railway) द्वारा विभिन्न परियोजनाओं में अधोसंरचना का विकास योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ है। इससे प्रदेश के क्षेत्रों का विकास, आर्थिक और औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा मिला है।

पमरे में जनवरी से दिसंबर वर्ष 2023 में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत नई रेल लाइन परियोजना 62 किमी, दोहरीकरण परियोजना 89 किमी एवं तिहरीकरण परियोजना 94 किमी सहित पमरे में साल भर में 245 किलोमीटर के अधोसंरचना निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। इन परियोजनाओं की जानकारी निम्न है: 

1) नई रेल लाइन परियोजना (62 किमी):- ललितपुर-सिंगरौली नई लाइन परियोजना (541 किमी) के अंतर्गत रीवा-गोविंदगढ़ रेलखण्ड 20 किलोमीटर नई लाइन का कार्य पूर्ण किया गया है। इसी तरह रामगंजमण्डी-भोपाल नई लाइन परियोजना (276.5 किमी) के अंतर्गत जुनाखेड़ा-अकलेरा रेलखण्ड 27 किलोमीटर एवं अकलेरा-घटोली रेलखण्ड 15 किलोमीटर नई लाइन का कार्य पूर्ण किया गया है।

2) दोहरीकरण परियोजना (89 किमी):- कटनी-सिंगरौली दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत खन्ना बंजारी-महरोई रेलखण्ड (11.90 किमी), निवास रोड-सरईग्राम रेलखण्ड (28.65 किमी), महरोई- विजयसोता (19.10 किमी) और कोटा-बीना दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत पिपरईगांव-गुनेरू बांमेरु- मुंगावली-कंजिया-मोतीपुरा चैकी-रुठियाई रेलखण्ड (26.34 किमी) एवं कोटा-सोगरिया (2.71 किमी) रेलखण्डों का कार्य पूर्ण किया गया है।

3) तिहरीकरण परियोजना (94 किमी):- बीना-कटनी तिहरीकरण के अंतर्गत खुरई-सुमरेरी (8.5 किमी), घटेरा-सगौनी (16 किमी), गिरवर-लिधौरा खुर्द (10 किमी), सगौनी-सैलया (18 किमी) एवं बाँदकपुर-दमोह (15 किमी) रेलखण्डों का कार्य पूर्ण किया गया है। इसी तरह भोपाल-इटारसी तिहरीकरण के अंतर्गत बुदनी-बरखेड़ा (26.50 किमी) रेलखण्ड का कार्य पूर्ण किया गया है।

पश्चिम मध्य रेल पर रेलखण्डों का दोहरीकरण एवं तिहरीकरण कार्य हो जाने से गाड़ियों की गति, रेलवे ट्रैक की क्षमता एवं दक्षता में सुधार, संरक्षा में वृद्धि एवं मालगाड़ियों के परिचालन में सुगमता बढ़ेगी साथ ही मध्यप्रदेश राज्य एवं राजस्थान राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों के आर्थिक विकास में रेलवे के नये आयामों को बढ़ावा मिलेगा।