मध्य प्रदेश स्थापना दिवस: गौरवशाली इतिहास और प्रगति की नई कहानी

भोपाल। 1 नवंबर 1956 का दिन भारतीय संघीय ढांचे में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ, जब मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ।

 
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भारत के हृदयस्थल के रूप में पहचाने जाने वाले इस राज्य ने आज तक विकास, संस्कृति, और एकता के अनेक आयामों को छुआ है। हर वर्ष 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाया जाता है।

मध्य प्रदेश का गठन 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत हुआ था, जब मध्य भारत, विंध्य प्रदेश, भोपाल और महाकौशल के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक विशाल राज्य का निर्माण किया गया। बाद में वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी मध्य प्रदेश ने अपनी पहचान को मजबूती से बनाए रखा और निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर रहा।

राज्य की राजधानी भोपाल इस दिन भव्य कार्यक्रमों का केंद्र रहती है। शासन द्वारा “मध्य प्रदेश उत्सव” के रूप में इस दिन को मनाया जाता है, जिसमें राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाता है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी जाती हैं, साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागरिकों, खिलाड़ियों, कलाकारों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाता है।

मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। खजुराहो के मंदिर, सांची का स्तूप, भीमबेटका की गुफाएं और ग्वालियर किला जैसी ऐतिहासिक धरोहरें इस राज्य की गौरवमयी विरासत हैं। वहीं, कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और सतपुड़ा जैसे राष्ट्रीय उद्यानों ने इसे वन्यजीव संरक्षण का प्रमुख केंद्र बना दिया है।

आर्थिक दृष्टि से भी मध्य प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। कृषि, उद्योग, खनिज और पर्यटन के क्षेत्र में राज्य लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य को “आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश” बनाने की दिशा में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सरकार ने कई नवाचार किए हैं।

स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, खेल प्रतियोगिताएं और लोक कला प्रस्तुतियां आयोजित की जाती हैं। स्कूलों और कॉलेजों में विशेष समारोहों के माध्यम से विद्यार्थियों को राज्य के इतिहास और संस्कृति से अवगत कराया जाता है।

मध्य प्रदेश की पहचान उसके मेहनतकश नागरिकों, समृद्ध परंपराओं और प्रगति के प्रति समर्पण से है। इस स्थापना दिवस पर हर नागरिक गर्व से कह सकता है —
“दिल से है भारत, और भारत का दिल है मध्य प्रदेश।

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