मध्य प्रदेश के मंत्रियों को चाहिए नई इनोवा कार! कर्ज में डूबी सरकार के पास पहुंचा प्रस्ताव, कब मिलेगी गाड़ी?

 MP Cabinet Ministers: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को मिली गाड़ियां रास नहीं आ रही हैं. ज्यादातर मंत्री गाड़ियों को पुरानी बताकर स्टेट गैरेज से नई गाड़ियों की मांग कर रहे हैं.
 
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मध्य प्रदेश सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपये का कर्ज लिया है. इसके बावजूद नई सरकार के कुछ मंत्री नई कार की मांग कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक स्टेट गैरेज को 30 से ज्यादा नई कारों की डिमांड मिली है. आपको बता दें कि इस समय मोहन सरकार में सीएम के अलावा 2 डिप्टी सीएम और 28 कैबिनेट और राज्य मंत्री हैं. इन सभी के लिए नई गाड़ियों की मांग मिलने पर स्टेट गैरेज ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है. जिसमें नई गाड़ियां खरीदने की बात कही गई है.

मंत्रियों को रास नहीं आ रही पुरानी गाड़ियां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रियों के पास ज्यादातर कारें नई हैं, जो 2022-2023 में खरीदी गई हैं, जो मुश्किल से 10 हजार से 20 हजार किलोमीटर चली हैं. लेकिन फिर भी एमपी के मंत्रियों को ये गाड़ियां पसंद नहीं आ रही हैं. कहा जा रहा है कि नई कार खरीदने की कीमत 11 करोड़ रुपये हो सकती है.

वित्त विभाग को भेजा प्रस्ताव
वहीं एमपी स्टेट गैरेज के अधीक्षक आदित्य कुमार रिछारिया ने कहा कि मंत्रियों ने नई कारों की मांग की है. खरीद प्रक्रिया शुरू करने के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

मंत्रियों की पहली पसंद इनोवा क्रिस्टा 
मंत्रियों की पहली पसंद इनोवा क्रिस्टा है. मंत्रियों की मांग को देखते हुए स्टेट गैरेज ने कम से कम 31 नई इनोवा क्रिस्टा कारों का प्रस्ताव भेजा है. इनमें 28 मंत्रियों के लिए एक-एक और दो उपमुख्यमंत्रियों के लिए एक-एक शामिल हैं. 

मंत्रियों के तर्क
मंत्रियों का कहना है कि पुरानी गाड़ियों में मेंटेनेंस और रास्ते में खराब होने की समस्या आती है. क्योंकि मंत्रियों को शहर के साथ गांवों में भी दौरे करने पड़ते हैं.

कर्ज में डूबी सरकार
बता दें कि पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी नई सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला है. सितंबर के महीने में MP सरकार ने 12,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इसके बाद 18 अक्टूबर को 1000 करोड़ का और लोन लिया. इसके आठ दिन बाद ही फिर 2000 करोड़ रुपए का और कर्ज लिया और वोटिंग के पांच दिन बाद 22 नवंबर को 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लिया था. 

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