DINDORI में मनरेगा परिषद दिशा निर्देशों की उड़ी धज्जियां: कमीशनखोर अफसरों ने चहेते ठेकेदारों को बांट दी करोड़ों की राशि, जनपद सदस्य ने मुख्यमंत्री से की शिकायत

प्रभारी सीईओ सहित सहायक लेखाधिकारी पर आरोप
 
Shahdol

डिंडौरी। जनपद पंचायत डिंडौरी के प्रभारी सीईओ सहित सहायक लेखाधिकारी के विरूद्ध कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगाते हुए वहां के जनपद सदस्य ने शिकायत कर जांच कराए जाने की मांग की है। बता दें कि, सदस्य संतोष सिंह चंदेल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री समेत मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं कलेक्टर से उक्त मामले की शिकायत की है।

शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि, मनरेगा निर्माण कार्यों में उपयोग की गई सामग्री भुगतान किए जाने के लिए कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा को राशि आवंटित कर मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने दिशा निर्देश जारी कर प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किए जाने का आदेश 12 जनवरी 24 को जारी किया गया था। जिसका खुला उल्लघंन करते हुए जनपद में पदस्थ सीईओ गणेश पाण्डेय एवं सहायक लेखाधिकारी नरेन्द्र करचाम ने चहेते ठेकेदारों से 5 प्रतिशत कमीशन लेते हुए सामुदायिक कार्यों का करोड़ो रूपए भुगतान किया गया है।

जबकि, हितग्राही मूलक कार्यो का भुगतान न होने से जनाक्रोष व्याप्त हैं। बताया गया कि मेट/कुशल/अर्धकुशल मजदूरों के भुगतान के 22 लाख रूपए लंबित है। इनका भुगतान रोककर चहेते ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सैकड़ों की संख्या में हितग्राही मूलक कार्यों के भुगतान वर्षों से लंबित हैं। कमीशन न मिलने के चलते इन कार्यों के भुगतान में षडयंत्रपूर्वक विलंब किया जा रहा है, जिससे हितग्राही परेशान हैं।

लेखाधिकारी ने मनरेगा पोर्टल में किए एमआईएस सामग्री बिलों को अनेकों बार डिलीट कर नये सिरे से दर्ज किया जाता है। जिससे पोर्टल में बिल की तिथि वर्तमान में प्रदर्शित होती हैं।  जनवरी में जनपद पंचायत डिंडौरी ने लगभग 2 करोड़ 50 लाख रूपए भुगतान मनरेगा परिषद के दिशा निर्देशों के विपरीत की गई है। उक्त विषयों पर ध्यानाकर्षण कराते हुए जनपद सदस्य ने जांच की मांग की है।

उन्होंने बताया कि, सामुदायिक कार्य अंतर्गत ग्राम पंचायत अमनी पिपरिया में पुलिया निर्माण, औरई में एप्रोच रोड, बिजौरी में मिनी परकोलेशन टैंक, चिचरिंगपुर में चैकडेम, दर्रीमोहगांव में पुलिया निर्माण, देवरी में एप्रोच रोड़, दुहनिया में परकोलेशन टैंक, इमलई में पुलिया, गणेशपुर में पुलिया निर्माण एवं चैकडेम समेत अन्य ग्राम पंचायतों में सिर्फ सामुदायिक कार्यों का भुगतान किया गया है। जबकि, हितग्राही मूलक कार्यों का प्राथमिकता आधार पर पहले भुगतान किया जाना था। उक्त शिकायत कर अनियमतिता एवं कमीशनखोरी की उच्च स्तरीय जांच की मांग है।

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