नियम-कायदे को तिलांजलि दे; सड़क किनारे धधक रहे ईंट भट्ठे: नाबालिग तप रहे आग में... जिम्मेदारों को सरोकार नहीं?

शहडोल जिले के जनपद पंचायत बुढ़ार क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत करकटी में अवैध ईंट भट्ठा संचालित किए जा रहे हैं। विचारणीय है। 
 
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विनय शुक्ला (अकेला)। यहां चोरी का कोयला भी उपयोग किया जाता है। न केवल क्षेत्र में कहीं अंदर बल्कि खुलेआम सड़क किनारे यह भट्ठे धधक रहे हैं। खनिज विभाग से लेकर राजस्व और पर्यावरण विभाग को जानकारी होने के बावजूद भी ईंट भट्ठा संचालक पर कार्रवाई न होना, ग्रामीणों के समझ से परे है। परिणामस्वरूप, भट्टा संचालकों के हौसले बुलंदी पर हैं। जिसका खमियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

लापरवाही और अनदेखी के आरोप

इन भट्ठों से निकलने वाले धुएं और राख से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर, गर्मी के दिनों में तो इन भट्ठों से निकलने वाली तपन बेहद असहनीय होती है। ग्रामीणों का आरोप है कि, संबंधित मामले को लेकर जहां जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही और अनदेखी बरत रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर भट्ठा संचालित करने वाले, स्वयं को कुम्हार जाति का होने और उसके चलते मिलने वाली छूट का हवाला देकर पल्ला झाड़़कर नियम-कायदों को धुंआ दे रहे हैं।

छूट के नाम पर मची हुई है लूट

उल्लेखनीय है कि, जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर करकटी-गोपालपुर रोड पर एक बड़ा ईंट भट्ठा संचालित है। जिसका संचालक सोहन लाल प्रजापति नामक व्यक्ति को बताया गया है। ज्ञातव्य है कि, कुम्हार जाति के लोगों के लिए ईंट बनाने को लेकर नियम कुछ शिथिल किया गया है। ऐसे वर्ग के लोग स्वयं मकान बनाने लगभग 50 हजार ईंट निर्माण कर सकते हैं। उन्हें किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

रसूखदार भी नहीं हैं पीछे

आरोप है, यहां इसी का फायदा उठाते हुए सोहन लाखों का ईंट बनाकर बेंच रहा है। वहीं आसपास कुछ रसूखदार लोग भी इस अवैध कारोबार से मोटी कमाई करने में जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं, चोरी का कोयला उपयोग करते हुए, संचालित भट्ठों में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ते हुए भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जहां बेखौफ होकर नाबालिगों से मजदूरी कराया जाता है। जिसके एवज में चंद रुपए मजदूरी दी जाती है। बावजूद, कभी जिम्मेदारों ने कभी यहां जांच या कार्रवाई की जेहमत न दिखाई? ऐसा प्रतीत होता है, मानो उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं।

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