MP PM Awas Yojana 2.0: मध्य प्रदेश में बनेंगे 10 लाख आवास, पीएम आवास के लिए 22 हजार 800 करोड़ की राशि हुई जारी
MP PM Awas Yojana 2.0: इस योजना में प्रदेश के जरूरतमंद हितग्राहियों के लिए 10 आवास बनाये जायेंगे। इस योजना का लाभ उन हितग्राहियों को दिया जायेगा, जिन्हें किसी कारण से अब तक आवास योजना का लाभ नहीं हुआ है।नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मैदानी अमले को योजना के प्रभावी तरीके से अमल करने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के आवेदन संबंधी जानकारी नजदीकी नगरीय निकायों से प्राप्त की जा सकती है। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए केन्द्र सरकार ने यूनीफाइड वेब पोर्टल पर भी जानकारी अपलोड की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में 4 प्रकार के घटक शामिल किये गये हैं। हितग्राही आवेदन करते समय अपनी पात्रता और आवश्यकता के अनुसार घटक का चयन कर सकते हैं। योजना संबंधी निर्देशिका https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2023/PmayDefault.aspx पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना माहरी 2:0 में देश में एक करोड़ आवास और मध्यप्रदेश में 10 लाख आवास बनाये जाने का कार्यक्रम तैपार किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में विशेष वर्गों को प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है। इनमें पीएम स्वनीधि पाजुना, भवन निर्माण श्रमिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पीएम विश्वकमों योजना के कारीगर, सफाई कर्मी और झुम्रो। बस्ती में रहने वाले परिवार शामिल है।।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में अब तक 8 लाख 25 हजार जरूरतमंद हितग्राहियों के आवास निर्माण पूरे किये जा चुके हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में 9 लाख 45 हजार आवास मंजूर किये गये थे। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के पहले फेज के क्रियान्वयन की सम्पूर्ण अवधि में मध्य प्रदेश देशभर में अग्रणी स्थान पर है। योजना को अच्छे से अमल करने के लिए मध्य प्रदेश और प्रदेश की कई नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के प्रथम चरण में प्रभावी क्रियान्वयन का श्रेय न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये गये कई नवाचारों को जाता है। मंजूर आवासों के निर्माण कि लिए केन्द्रांश और राज्यांश की अनुदान राशि 19 हजार 700 करोड़ रूपये और क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) घटक के लिए ब्याज अनुदान के रूप में 3 हजार 900 करोड़ रुपये, इस प्रकार कुल राशि 23 हजार 600 करोड़ रुपये मंजूर की जा चुकी है। हितग्राहियों को अब तक 22 हजार 800 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।