एमपी के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय, खुशी से झूम उठेंगे आम नागरिक

MP News मंत्रि-परिषद द्वारा 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेशव्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फ़ेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक़्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है। वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
अवैध मांस-मछली क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का चलेगा अभियान
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लायसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया। इस संबंध में सघन अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान जिलो में अतिक्रमण निरोधी दस्ते, स्वास्थ्य अमले, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के समन्वय से चलाया जाएगा। इस अभियान की मॉनीटरिंग मुख्य सचिव के स्तर से की जाएगी।
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में वृद्धि, संग्राहकों को 162 करोड़ रूपये का अतिरिक्त पारिश्रमिक
मंत्रि-परिषद द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रूपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति बोरा करने का निर्णय लिया गया। इससे 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 162 करोड़ रूपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर वर्ष 2017 में 1250 रूपए प्रति बोरा थी। वर्ष 2023 में इसे बढ़ाकर 3 हजार रूपए प्रति बोरा कर दिया था।