एमपी में नायब तहसीलदार रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा गया
भोपाल। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए EOW ने एक नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारी जमीन संबंधी तीन फाइलों के निराकरण के बदले में रिश्वत की मांग कर रहा था।
तीन फाइलों के निपटारे के लिए मांगी गई थी रिश्वत
सूत्रों के अनुसार, नायब तहसीलदार ने एक स्थानीय व्यक्ति से उसकी जमीन की तीन फाइलों को निपटाने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने पर EOW ने मामले की जांच शुरू की और शिकायत को सही पाते हुए ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। शुक्रवार को टीम ने आरोपी अधिकारी को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
EOW के अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता ने पहले ही नायब तहसीलदार की रिश्वत मांगने की बातचीत की रिकॉर्डिंग की थी, जिसे जांच में सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इसके बाद टीम ने पूरी रणनीति बनाकर ट्रैप ऑपरेशन किया और आरोपी को पकड़ लिया।
कार्यालय में मची हड़कंप, दस्तावेज जब्त
कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार के कार्यालय में अचानक हुई छापेमारी से अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। टीम ने मौके से रिश्वत की राशि, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। वहीं आरोपी अधिकारी से पूछताछ जारी है।
सूत्रों के अनुसार, EOW अब यह भी जांच कर रही है कि नायब तहसीलदार ने इससे पहले भी अन्य लोगों से इसी तरह से पैसे वसूले हैं या नहीं। यदि ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
EOW की सख्त कार्रवाई से अधिकारियों में मचा डर
EOW की यह कार्रवाई सरकारी महकमों में कार्यरत उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बड़ा संदेश है, जो अपने पद का दुरुपयोग कर आम जनता से वसूली करते हैं। पिछले कुछ महीनों में EOW ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई अधिकारी और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार के निर्देश पर भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई गई है। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी यदि रिश्वत मांगता है या लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनता से की गई अपील
EOW ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा उनसे रिश्वत मांगी जाती है तो वे तुरंत EOW हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं। विभाग का दावा है कि शिकायतकर्ता की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा और उन्हें न्याय दिलाया जाएगा।
निष्कर्ष:
मध्य प्रदेश में नायब तहसीलदार की यह गिरफ्तारी एक बार फिर इस बात का प्रमाण है कि EOW भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रियता से कार्रवाई कर रही है। यह कदम न केवल सरकारी तंत्र को पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि अब भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
