सहकार के नाम पर खुली लूट: कुंभकर्णी निंद्रा में लीन हैं जिम्मेदार या गांधी के फेरे में हैं मौन?, ओवरलोड होकर रीवा-सतना और यूपी पहुंची रही रेत

शहडोल जिले में ग्लोबल इंडिया नामक संस्थान रेत की खदान से रेत निकालने का काम कर रहा है।
 
Shabd

विनय शुक्ला, शहडोल। जिले में ग्लोबल इंडिया नामक संस्थान रेत की खदान से रेत निकालने का काम कर रहा है। नदियों में तो जिस तरह से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, वह देखते ही बनता है। ट्रकों में ओवर लेटर लोड रेत रीवा, सतना और उत्तर प्रदेश तक जा रही है। जिस तरह से वाहनों में ओवरलोड होकर रेत परिवहन किया जा रहा है, उसमें शहडोल जिले की पुलिस तो शामिल ही है। साथ ही रीवा सतना और सीधी इन सभी जिलों की पुलिस भी शामिल है।

यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि, अवैध उत्खनन व परिवहन को लेकर प्रशासन ने तो क्लीन चिट दे दी है। जिसके चलते पूर्व वर्ष की भांति ही एक बार फिर अवैध उत्खनन और ओवरलोड दोनों ही काम बेधड़क और बेखौफ तरीके से जारी हो चुका है। जहां 8 क्यूबिक मीटर रेत हाईवा में लोड होना चाहिए। वहां 1414 क्यूबिक मीटर रेत (ओवरलोड) होकर जा रही है। जबकि, जिम्मेदार हैं कि, "जंगल में मोर नाचा किसने देखा" वाली कहावत को यथार्थ करने तलीन हैं।

एक तरफ प्रशासन पानी बचाने के लिए अभियान छेड़े हुए है। ताकि, गर्मी के दिनों में भी पानी का कोई संकट खड़ा न हो। अंधाधुंध और नियम विरुद्ध खनन निश्चित रूप से भविष्य में पानी की कमी का सबब बनकर सामने होगा, यह बात शायद जिम्मेदार अफसरान मानो भूल बैठे हैं। संभवतः ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बैठे हुए अफसर मूलतः इस माटी से जुड़े हुए नहीं हैं। हां, इस मामले में अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने चुप्पी साध रखी है, तो सवाल जरूर उठता है।

गौरतलब है कि, जिन-जिन नदियों में रेत का उत्खनन ग्लोबल एंड कंपनी कर रही है। वहां से बेखौफ तरीके से नदियों के बीच पानी की धार से रेत निकालने का काम जारी है। खदान से लेकर इलाहाबाद और सतना, रीवा तक पानी टपकता हाईवे पर ओवरलोड वाहनों को सहज देखा जा सकता है। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों को यह देखना जानना और कार्रवाई करना मानो गवारा नहीं। या कुछ यूं कहें, कंपनी की दादागिरी इसी तरह नियम और तय मापदंड के विरुद्ध खुलेआम काम करने जिले में आई है?

उनके प्रबंधन के लोग यह कहते नजर आते हैं कि, प्रशासन मुट्ठी में है, क्या कर लेगा। शायद वह यह भूल गए हैं कि, जिस समय पुलिस अधीक्षक शहडोल अवधेश गोस्वामी एवं कलेक्टर सतेन्द्र सिंह ने अभियान छेड़ा था। तो उसे समय जिले में कार्यरत रेत ठेका कंपनी वंशिका को लेने के देने पड़ गए थे और उनके प्रबंधन पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ था। अभी हाल फिलहाल ही सहकार ग्लोबल के कुछ लोगों पर गोहपारू थाने में मामला दर्ज हुआ है।

एक बात और महत्वपूर्ण है कि, कंपनी में कोई अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं। सूत्रों का कहना है कि, प्रबंधन में बैठे लोग ही अपने आलकमान से त्रस्त नजर आ रहे हैं। मजे की बात यह है कि, प्रबंधन अपनी मनमानी पर जिस तरह से नियंत्रण लगाने की सोच रहा है। उसमें भविष्य में विवाद की संभावनाएं ज्यादा दिखाई दे रही है। बताया जाता है कि, शंकर सिंह, विपुल दुबे एवं चेतन चतुर्वेदी की तिकड़ी ग्लोबल की बागडोर संभाल कर बैठे हुए हैं।

यह भी पता चला है कि, हर कौर में बिस्मिल्लाह करने की नियत दिखाई दे रही है। यह तीनों ही, जिस तरह से कार्य करने का काम कर रहे हैं, वह अपने आप में आश्चर्यजनक है। विचारणीय है, जितने कारिंदे ग्लोबल की इस कंपनी में लगे हैं, उनका किसी का भी पुलिस वेरिफिकेशन अभी तक नहीं हो सका है। कौन कहां से आया है? अपराधी है या नहीं? इसको कौन तय करेगा? जैसे मामले सामने आ रहे हैं।

प्रबंधन का कहना है कि, प्रशासनिक अधिकारी हो, या राजनेता सभी को सब मिल रहा है और यह ऐसी कंपनी है कि, जिसका टर्नओवर ही अपने आप में पर्याप्त है। संभवतः यही वजह है कि, पैसे और राजनीति से सब कुछ कंपनी के हिसाब का तय हो रहा है। सीधी से आए डेविड ने जिस तरह से आतंक मचाने का काम किया है, वह भी सवालिया निशान पैदा कर रहा है। आखिर यह कौन है? जो शहडोल जिले के शांतिपूर्ण वातावरण को अशांत करने में जुटा हुआ है?

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