एमपी के पन्ना में बाघ की मौत मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ रेंज अंतर्गत आने वाले बसुधा बीट के कक्ष क्रमांक 521 में 03 जनवरी को एक नर बाघ और एक हायना की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया था।04 जनवरी को पीटीआर प्रबंधन ने बाघ और हायना का शव बरामद कर पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार करवाया गया था।और तार में करंट फैलाने वाले आरोपियों की तलाश में पीटीआर की टीम जुटी हुई थी।मामले में प्रबंधन को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
करंट बिछाने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।जिसमे मुकेश पिता बिहारी लाल यादव निवासी ग्राम बसुधा,देवेन्द्र सिंह पिता जंगल राजा बुंदेला निवासी बसुधा,सतपाल पिता बिंदा आदिवासी निवासी बसुधा,रधुवीर पिता नोनेलाल आदिवासी निवासी बसुधा,रामलाल पिता लछुआ आदिवासी निवासी बसुधार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर न्याययिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वहीं बीते एक माह में दो युवा बाघों की मौत शिकारियों के द्वारा बिछाए गए जाल में फसने की बजह से हुई थी।फिर चाहे वह विक्रमपुर के जंगल मे फांसी में फंदे में बाघ के फसने का मामला हो या फिर अभी हाल ही में किशनगढ़ रेंज के बसुधा बीट में करंट की चपेट में आने से बाघ की मौत हुई हो।दोनो मामले कही न कहीं शिकारियों के द्वारा अन्य जंगली जानवरों को मारने के लिए लगाए गए फंदों की वजह से ही हुई है।पन्ना के जंगलों के समीपी ग्रामों में लोग अपनी फसल को जानवरों से बचाने के लिए फंदे लगाते है।लेकिन इन फंदों में फसकर बाघों की मौत की घटनाएं सामने आती है।जो कहीं न कहीं बड़ी घटनाएं है।जिन पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है।क्योंकि बड़ी मुश्किल से पीटीआर में बाघों का संसार बस पाया था।