एमपी के पन्ना जिले में केन नदी से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जारी, ठेकेदार उठा रहे मौके का फायदा, क्षेत्रवासियों ने कई बार ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की
पन्ना में क्योंकि रेत का रेट ज्यादा हो जाने से पीएम आवास निर्माण में भी ग्रामीणों को समस्या होने लगीं है।वहीं रेत के अवैध खनन और परिवहन से शासन को एक बड़े राजस्व की हानि हो रही है।जबकि रेत खदानों का रेंडर हो चुका है।वावजूद उसके लीगल तौर पर अभी रेत खदानें संचालित नही की जा रही है।और अवैध कारोबार से रेत माफियाओं की जेब गरम हो रही है।
जानकारी के अनुसार पन्ना जिले की केन नदी से बीते दो वर्ष से लगातार रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन थमने का नाम नही ले रहा है।प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा रेत के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कोई प्रयास नही किए जा रहे है।यही वजह है कि केन नदी के वीरा,भानपुर, बरकोला,रामनई घाटों से बड़ी मात्रा में रेत निकाली जा रही है।इतना ही नही आसपास के निजी खेतो से भी रेत निकालने का काम धड़ल्ले से चल रहा है।
जिससे अब रेत के रेट आसमान छू रहे हैं।और प्रधानमंत्री आवास बनाने में लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीण क्षेत्र में पीएम आवास निर्माण के लिए कुल 1 लाख 50 हजार रुपए की राशि दी जाती है।लेकिन मटेरियल के भाव दिनप्रतिदिन बढ़ रहे हैं।रेत का भाव ग्रामीण क्षेत्र में प्रति ट्राली 5 से 6 हजार तक हो गई है।जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में सैकड़ो पीएम आवास के काम प्रभावित हो रहे हैं।वहीं जिले की अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी से रेत माफियाओं के द्वारा फर्जी टोकन भी जारी कर रेत का व्यापार किया जा रहा है।वगैर टोकन के पीएम आवास एवं निजी कार्य के लिए रेत ले जाने वाले क्षेत्रवासियों के ट्रैक्टर पकड़े जा रहे हैं।
यह पन्ना जिले में पहली बार हो रहा है कि किसी भी अवैध ठेकदार के द्वारा अपने फर्जी टोकन जारी कर रेत निकलवाई जा रही है।हालांकि इस मामले की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को की गई है।वावजूद उसके कोई कार्यवाही नही हो रही है।जिससे प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं।वहीं इस मामले पर अजयगढ़ तहसील के तहसीलदार ने का कहना है।कि ग्रामीणों के द्वारा शिकायत प्राप्त हुई है।जिसकी जांच करवाई जाएगी और रेत के अवैध उत्खनन परिवहन पर कार्यवाही की जाएगी।