एमपी के पन्ना जिले में बाघों की सुरक्षा के लिए पीटीआर प्रबंधन करेगा कुत्तों का टीकाकरण, 27 जनवरी से होगी टीकाकरण की सुरुआत

एमपी के पन्ना जिले में बाघों सहित अन्य जंगली जानवरों को कैनाइन डिस्टैम्पर व अन्य सात बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाएगा।द्वितीय चरण में 27 जनवरी से 25 फरवरी तक 22 गांवों में टीकाकरण किया जाएगा।जिसमे पीटीआर प्रबंधन के साथ पशु चिकित्सक भी शामिल रहेंगे।
जानकारी के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा 27 जनवरी को ग्राम बड़ौर, 28 जनवरी को दरेरा, 29 जनवरी को उमरावन, 30 जनवरी को मडै़यन, 31 जनवरी एवं 1 फरवरी को जरूआपुर, 2 फरवरी को मनौर, 3 फरवरी को बकचुर, 4 फरवरी को चनेनी, 6 फरवरी को नहरी, 7 फरवरी को हरसा, 8 फरवरी को झिन्ना, 9 एवं 10 फरवरी को सब्दुआ, 11 फरवरी को भापतपुर, 13 फरवरी को सलैया, 14 फरवरी को बगौहा, 15 एवं 16 फरवरी को खजरी कुड़ार, 17 फरवरी को माझा, 18 फरवरी को दहलान चैकी, 20 फरवरी को रानीपुर, 21 फरवरी को सरकोहा, 22, 23 एवं 24 फरवरी को अजयगढ़ और 25 फरवरी को ग्राम राजापुर में टीकाकरण होगा।वहीं एक माह बाद बूस्टर टीकाकरण भी किया जाएगा।
हालांकि वर्ष 2008-09 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना लागू की गई थी।जहां बाघों का संसार बसाने का सपना देखा गया।लेकिन प्रबंधन की दिनरात की कड़ी मेहनत के बाद अब यहां बाघों का संसार बस चुका है।और वर्तमान समय मे 75 से अधिक छोटे बड़े बाघ पीटीआर के क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण कर रहे है।जिनकी सुरक्षा के लिए पीटीआर प्रबंधन के द्वारा अब कुत्तों का टीकाकरण किया जा रहा है।बताया जा रहा है।कि कैनाइन डिस्टैम्पर नाम का संक्रमण कुत्तों से बाघों तक फैलने की संभावना रहती है।इसलिए सुरक्षा की दृष्टिकोण से पीटीआर प्रबंधन के द्वारा कुत्तों का टीकाकरण किया जा रहा है।