MP को करोड़ों की सौगात देंगे PM मोदी, इस जिले से होगा चुनावी आगाज, सियासत शुरू

Lok Sabha Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) रविवार को मध्य प्रदेश आ रहे हैं. वे झाबुआ जिले में जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान वे राज्य को करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे. 
 
RRR

देश में आगामी लोकसभा के मद्देनजर भाजपा मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को झाबुआ आएंगे. वे यहां 7500 करोड़ के कई विकास कार्यों की सौगात देंगे. प्रधानमंत्री कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे. पीएम मोदी विशेष पिछड़ी जनजातियों की लगभग दो लाख महिला लाभार्थियों को आहार अनुदान की मासिक किस्त वितरित करेंगे.

पीएम मोदी झाबुआ में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को 1.75 लाख अधिकार अभिलेख वितरित करेंगे. इसके अलावा वे टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे, जो क्षेत्र में उच्च आदिवासी बहुलता वाले जिलों के लिए एक समर्पित विश्वविद्यालय है. आदर्श ग्राम योजना के तहत 550 से अधिक गांवों के लिए धनराशि हस्तांतरित करेंगे.

रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास
प्रधानमंत्री रतलाम और मेघनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखेंगे. वे सड़क, रेल, बिजली और जल क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री झाबुआ में ''सीएम राइज स्कूल'' का शिलान्यास करेंगे. जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी उनमें ''तलवाड़ा परियोजना'' शामिल है जो धार और रतलाम के एक हजार से अधिक गांवों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना है.

11 हजार घरों में पहुंचेगा पानी
प्रधानमंत्री झाबुआ की 50 ग्राम पंचायतों के लिए ''नल जल योजना'' भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिससे लगभग 11 हजार घरों को नल का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कई रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और उनकी आधारशिला रखेंगे.

मोदी पर सियासत तेज
पीएम मोदी के दौरे को लेकर झाबुआ से कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. झाबुआ से गुजरात भी लगा हुआ है इसलिए बीजेपी को डर है कि कहीं कांग्रेस के आधिपत्य से गुजरात भी उनके हाथ से न निकल जाए. इसलिए पीएम झाबुआ आ रहे हैं. झाबुआ आएं मेरी विधानसभा में उनका स्वागत है लेकिन आदिवासियों की बात करें. पेसा कानून को कमजोर बनाया जा रहा है.

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