SHAHDOL कलेक्टर के निर्देश: दागना कुप्रथा रोकने चलेगा 3 दिवसीय विशेष अभियान, होगी बच्चों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण
इस दौरान बच्चों के दागे जाने के परिपेक्ष्य में शीत जनित बीमारियों (सर्दी, जुकाम, निमोनिया, पेट फूलना, सांस लेने में तकलीफ आदि) से ग्रसित बच्चों की लाइन लिस्टिंग कर उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचाकर उपचार दिलाया जाये। कलेक्टर ने कहा कि, नवजात शिशु के दागने की घटना का संज्ञान होने पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता के सहयोग से शिशु को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराएं।
परियोजना अधिकारी एवं संबंधित पर्यवेक्षक चिकित्सा अधिकारी के संपर्क में रहकर नवजात शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करेंगे। जिला बाल संरक्षण इकाई नवजात शिशु के देखभाल व संरक्षण की आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के माध्यम से देखभाल एवं संरक्षण, समुचित आदेश प्राप्त किया जाएगा। नवजात शिशु को दागने वाले घटना क्षेत्रों में महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग व आरबीएसके के साथ क्षेत्र के नवजात शिशुओं का सर्वे किया जाकर उनके स्वास्थ्य, वजन एवं टीकाकरण की जानकारी लेकर आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करायी जायेगी।
घटना क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग, गर्भवती माताओं, धात्री माताओं व अन्य स्थानीय जन मानस के साथ कुप्रथाओं के उन्मुलन के संबंध में चौपाल, संगोष्ठी आदि के माध्यम से बैठककर समझाईश प्रदान करेगें। ऐसे क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी, तत्काल जादू टोटके करने वाले ओझा, गुनिया व दाई आदि को चिन्हित करेंगे। जिसके बाद उसकी सूचना स्थानीय थाने को भेजी जायेगी। दागना कुप्रथा का व्यवहार करने वाले सामुदायों के जन प्रतिनिधि, धर्मगुरू, पंडा आदि के साथ बैठक कर सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिए भी प्रेरित किये जाएगा।