MP के शहडोल जिले में प्रशासन जागरूकता अभियान में व्यस्त, इधर माफिया काट रहे चांदी

 
MP के शहडोल जिले में प्रशासन जागरूकता अभियान में व्यस्त, इधर माफिया काट रहे चांदी

Shahdol MP News: शहडोल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही जिला प्रशासन चुस्त दुरुस्त और सजग दिखलाई पड़ रहा हो। लेकिन, इसके इतर जिले की कानून व्यवस्था मानो बेपटरी पटरी हो चुकी है। पूरे जिले भर में अगर नजर दौड़ाई जाए, तो रेत माफियाओं का राज हावी है। विचारणीय है कि, चुनाव को लेकर पुलिस विभाग भी खुद को चौकन्ना बता रही है। बावजूद इसके शहरों में, नदियों से अवैध उत्खनन कर रेत माफिया मुंह मांगी कीमत पर बेधड़क तरीके से परिवहन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि, ऐसे वाहनों पर पुलिस की नजर नहीं पड़ रही?

गौरतलब है कि, जिले में रेत ठेका समाप्त हो चुका है, जिसे रेत माफियाओं ने अवसर में बदल लिया है। अब तो कबाड़ियों व अपराधियों के साथ ही शराब ठेकेदार भी इस अवसर को अपनी कमाई का जारिया बनने आगे आ चुके हैं। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि, अवैध रेत के इस कारोबार से होने वाली आकूत कमाई ने अपराधियों व कबाड़ियों और शराब ठेकेदार को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि, क्या बिना पुलिस और प्रशासनिक सांठगांठ के यह काला कारोबार खुलेआम और बेधड़क तरीके से संचालित किया जा सकता है?

मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर बुढ़ार स्थित ग्राम जरवाही के बटली घाट में तो हालात और खतरनाक है। यहां रात के अंधेरे में हाथियार बंद अपराधियों की उपस्थिति में खुलेआम सुनहरी रेत निकाली जा रही है और आसानी से उत्खनन की गई रेत धड़ल्ले के साथ शहर में खप रही है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो, उक्त स्थल के आसपास गांव में हाथियार बंद लोगों की चहलकदमी रात को बनी रहती है। ऐसी गतिविधियों के चलते उनका जीना दूश्वार है। उन्हें मजबूरीवश दहशत के माहौल में जीवन यापन करना पड़ रहा है।

यह बात भी निकल कर सामने आई है कि, खनिज और पुलिस विभाग का सूचना तंत्र भी इन माफियाओं के आगे फेल है। या फिर वरदहस्त प्राप्त कर माफिया सुनहरी रेत को बेचकर ज्यादा कमाई के लालच में नदियों को जेसीबी मशीन से छल्लनी करने का काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, खनिज और पुलिस सहित कलेक्टर को मौखिक सूचना दिए जाने के बाद भी इस अवैध कारोबार पर अब तक लगाम नहीं लगाई जा सकी है। वजह है, विभागीय टीम के कार्रवाई के लिए निकलते ही, माफिया को इसकी जानकारी मिलना। जिसके बाद मौके पर कुछ भी हासिल न होने की तस्वीर सामने आती रही है।

इनका कहना है

हम लगातार माॅनीटरिंग कर रहे हैं। कोई भी अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है।

देवेन्द्र पटले

खनिज अधिकारी, शहडोल।

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