शहडोल में बड़ा सवाल: लूट, चोरी, डकैती और हत्याकांड जैसे मामलों में पुलिस के हाथ खाली क्यों?

शहडोल जिले में अपराधियों की मौज, बढ़ रहा ग्राफ...अवैध कारोबार भी चरम पर.
 
Shahdol

Shahdol MP News: शहडोल। जिले के अपराधियों में पुलिस का खौफ एवं अपराधिक गतिविधियों में कमी, वर्तमान परिदृश्य में.. मानो कागजी आंकड़ों तक ही सीमित होकर रह गई है। गौरतलब है कि, पूर्व कप्तान अवधेश गोस्वामी के कार्यकाल के दौरान की पुलिसिंग बेहद चुस्त दुरुस्त और अपराधियों पर कार्रवाई करने को लेकर एक्टिव मोड में दिखलाई देती थी। लेकिन, 8 जून 2022 में हुए उनके स्थानान्तरण बाद से स्थितियां इसके ठीक विपरीत ही देखी जा रही है। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि, पुलिस सुस्त और अपराधिक मामलों में ठोस व उचित कार्रवाई करने को लेकर लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाती साबित है। 

जिले भर के थानों में कई ऐसे मामले दर्ज हैं, जो केवल और केवल कागजी रूप में ही दर्ज होकर रह गए हैं। मामलों में जहां शिकायतकर्ता आज भी न्याय की बाट जोह रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर, आरोपी खुलेआम मौज कर रहे हैं। लूट, चोरी, डकैती और हत्याकांड जैसे अन्य कई ऐसे मामले हैं। जिनमें कार्रवाई करने को लेकर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में नजर आती है। इतना ही नहीं लगातार अपराधिक गतिविधियों का ग्राफ बढ़ते क्रम में है। अवैध कारोबार, माफियागिरी और नशे का अवैध व्यापार चरम पर है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि, ऐसे मामलों में उचित कार्रवाई करने को लेकर पुलिस आखिरकार बैक फुट में क्यों नजर आती है?

केस नंंबर -1

लगभग 6 माह पूर्व (3 जुलाई 2023 की रात) कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सटे ग्राम कल्याणपुर में कुछ नकाबपोश बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। कल्याणपुर निवासी रजनीश कुमार सेन के घर में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा अज्ञात नकाबपोश बदमाश घुसे। उन्होंने रजनीश की पत्नी को बंधक बनाते हुए राड से जमकर पीटा और आगे जान से मारने की धमकी देते हुए सोने-चांदी के जेवरात व नगदी लेकर मौके से फरार हो गए।

इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले बदमाश पास ही लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हुए। घर के पास आते और भागते साफ दिखे। गौरतलब है कि, उक्त घटनाक्रम को अंजाम देने वाले सभी अज्ञात बदमाश आज भी अज्ञात हैं। संबंधित थाना पुलिस की पकड़ में आरोपी आज दिनांक तक नहीं आ सके। मामले में पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं। कुल मिलाकर यह मामला आज भी मिस्ट्री बनकर सामने है।


केस नंंबर- 2

ब्यौहारी थाना अंतर्गत ग्राम गोपालपुर में हुए बहुचर्चित पटवारी हत्याकांड में भी पुलिसिया कार्रवाई सवालों के दायरे में है। परिजनों की माने तो पुलिस ने उक्त मामले में अपने हिसाब से दिखावे की कार्रवाई की है। संबंधित मामले का वास्तविक मुख्य आरोपी (रेत माफिया) पाक-साफ दामन लिए खुलेआम आज भी माफियागिरी करता घूम रहा है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी नाराजगी जताई और स्पष्ट रूप से कहा था कि, मामले में कठोरता कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा था कि, यह मामला शासन-प्रशासन के लिए कलंक है।

परिजनों ने इस मामले में सीबीआई जांच करने की मांग भी की थी। दूसरी ओर मृतक पटवारी प्रसन्न सिंह की 12 वर्षीय बेटी दिया ने मामले में संलिप्त अधिकारियों सहित मुख्य आरोपी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी। प्रशासन द्वारा दी गई सहायता राशि (25 हजार रुपए) को उसने लेने से इनकार करते हुए उसने यह साफ तौर पर कहा था कि, उसे राशि नहीं बल्कि न्याय चाहिए। मानो, यह मामला भी ठोस और उचित कार्रवाई की जगह ठंडे बस्ते में कैद होकर रह गया है।


केस नंबर-  3

वर्ष 2024 शुरुआत की पहली रात, जिला मुख्यालय स्थित पांडव नगर में जिले के पत्रकार मोहम्मद मुनीर के ऊपर प्राण घातक हमला हुआ। वह 1-2 जनवरी की दरमियानी रात करीब 12:30 बजे अपने घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान करीब 15-16 अज्ञात बदमाशों ने उनका रास्ता रोककर उनकी हत्या करने का प्रयास किया। गनीमत रही कि वह किसी कदर वहां से बचने के लिए और कोतवाली थाना पहुंचकर संबंधित मामले की शिकायत दर्ज कराई।

विचारणीय है कि, आज दिनांक (17 दिन बीतने) तक उक्त पूरे मामले में पुलिस लाचार ही साबित है। घटना कारित करने वाले सभी आरोपी आज भी अज्ञात हैं। पुलिस उनकी पतासाजी कर पाने में अब तक नाकाम है। जबकि, इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो फुटेज भी पुलिस के हाथों में सौंपा गया है। वहीं कुछ संदिग्धों के नाम भी शिकायतकर्ता ने पुलिस के समझ स्पष्ट रूप से रखा है। शिकायतकर्ता की मानें तो वह पुलिसिया कार्रवाई से बेहद असंतुष्ट और आहत है। जब चौथे स्तंभ माने जाने वाले एक पत्रकार के हत्या के प्रयास मामले में पुलिस हीलाहवाली करती हो! तो फिर भोली-भाली आम जनता से वह किस कर पेश आती होगी,, यह सहज ही समझा जा सकता है!

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