​70 साल का इंतजार खत्म! मध्य प्रदेश के इन 2 शहरों को मिलेगी नई रेल लाइन, सर्वे शुरू

MP New Rail Line: मध्य प्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी! बीना से ब्यावरा के बीच नई रेल लाइन के सर्वे को मिली मंजूरी। कुरवाई और सिरोंज को मिलेगा रेल नेटवर्क। जानें पूरा रूट और फायदे।

 
​MP New Rail Line 2025

​MP New Rail Line 2025: ​मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रेल यात्रियों के लिए साल 2025 के अंत में एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने राज्य के एक बड़े हिस्से को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीना से ब्यावरा (Bina to Byawara) के बीच बिछने वाली नई रेल लाइन अब हकीकत बनने की ओर अग्रसर है। इस परियोजना के शुरू होने से न केवल लाखों लोगों का सफर आसान होगा, बल्कि मालवा और बुंदेलखंड के बीच कनेक्टिविटी का एक नया अध्याय भी शुरू होगा।

​दशकों पुराना इंतजार अब होगा खत्म

​विदिसा जिले की कुरवाई और सिरोंज जैसी महत्वपूर्ण विधानसभा सीटें, जो पिछले 70 सालों से केवल सड़क परिवहन पर निर्भर थीं, अब भारतीय रेलवे के नक्शे पर नजर आएंगी। स्थानीय जनता की यह मांग दशकों पुरानी थी, जिसे अब सरकार ने गंभीरता से लिया है। सागर की सांसद डॉ. लता वानखेड़े के प्रयासों और रेल मंत्री के साथ हुई चर्चाओं के बाद इस नई रेल लाइन के सर्वे (Survey) को मंजूरी दे दी गई है।

​बीना-ब्यावरा रेल लाइन: रूट और सर्वे की जानकारी

​इस नई रेल परियोजना के तहत लगभग 130 किलोमीटर से अधिक लंबा ट्रैक बिछाया जाना प्रस्तावित है। सर्वे के दौरान रेलवे अधिकारी निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे:

​मार्ग का चयन: ट्रेन किन-किन गांवों और कस्बों के बीच से गुजरेगी।

​स्टेशनों की संख्या: रूट पर कितने छोटे और बड़े स्टेशन बनाए जाएंगे।

​पुल और पुलिया: नदी और नालों पर बनने वाले पुलों की तकनीकी मैपिंग।

​लागत और समय: परियोजना में कुल कितना खर्च आएगा और इसे पूरा होने में कितना समय लगेगा।

​लाखों लोगों को कैसे होगा फायदा?

​वर्तमान में विदिशा और राजगढ़ जिले के कई हिस्से ऐसे हैं जहाँ के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए 50 से 100 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।

​सड़क मार्ग पर निर्भरता होगी कम: कुरवाई, सिरोंज और लटेरी जैसे क्षेत्रों के लोग अभी पूरी तरह बसों और निजी वाहनों पर निर्भर हैं। रेल लाइन आने से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को सस्ती यात्रा उपलब्ध होगी।

​व्यापार और उद्योग को बढ़ावा: बीना एक बड़ा रेलवे जंक्शन है। ब्यावरा से सीधे जुड़ाव होने के कारण अनाज, पत्थर और अन्य स्थानीय उत्पादों का परिवहन देशभर में आसान हो जाएगा।

​रोजगार के अवसर: नई लाइन के निर्माण और स्टेशनों के विकास से स्थानीय स्तर पर हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

​मध्य प्रदेश में रेलवे का 'स्वर्णिम युग'

​केवल बीना-ब्यावरा ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश इस समय देश में रेलवे निवेश का केंद्र बना हुआ है। साल 2025 में एमपी के लिए कई और बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है:

​1. इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन (Indore-Manmad Rail Line)

​मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को सीधे महाराष्ट्र के मनमाड़ से जोड़ने वाली इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया तेज हो गई है। महू और आसपास के 19 गांवों में रेलवे ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह लाइन दक्षिण भारत और मुंबई के लिए इंदौर की दूरी को काफी कम कर देगी।

​2. इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन

​केंद्र सरकार ने 4,329 करोड़ रुपये की लागत से इटारसी से बीना के बीच चौथी रेल लाइन को मंजूरी दी है। यह रूट दिल्ली-चेन्नई मुख्य मार्ग का हिस्सा है, जहाँ ट्रेनों का दबाव बहुत अधिक रहता है। चौथी लाइन बनने से ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म होगी और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी।

​3. लक्ष्मीबाई नगर (इंदौर) का कायाकल्प

​सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन को 555 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ 5 नई पिट लाइन और 7 स्टेबलिंग लाइनें बनाई जा रही हैं, जिससे इंदौर से नई लंबी दूरी की ट्रेनें चलाना संभव होगा।

​चुनौतियां और पर्यावरण संतुलन

​बड़ी परियोजनाओं के साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं। उदाहरण के लिए, महू-खंडवा गेज कन्वर्जन और नई लाइनों के लिए जंगलों से गुजरने वाले रास्तों पर पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है। हालांकि, रेलवे ने आश्वासन दिया है कि काटे गए पेड़ों के बदले दोगुने पेड़ लगाए जाएंगे और वन्यजीवों के लिए अंडरपास या ओवरपास का निर्माण किया जाएगा।

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