उमरिया: साल 2023 की पहली जिला पंचायत सामान्य सभा बैठक से 5 सदस्य निकले बाहर, किया बहिष्कार

 
उमरिया: साल 2023 की पहली जिला पंचायत सामान्य सभा बैठक से 5 सदस्य निकले बाहर, किया बहिष्कार

उमरिया जिला पंचायत कि साल की पहली सामान्य सभा बैठक से पांच सदस्यों ने वाकआउट कर दिया है। बाकी अध्यक्ष,उपाध्यक्ष एवम तीन अन्य सदस्यों में बैठक का कोरम पूरा किया है।विदित हो कि जिला पंचायत में बुधवार को सामान्य सभा की बैठक आहूत की गई थी,परन्तु कुछ विषयों को लेकर पांच सदस्य सावित्री सिंह,ओमकार सिंह,केशव बारी, हेम राज बैगा, मनोहर सिंह मरावी भड़क गए और सदन से बाहर निकल कर विरोध प्रकट किया है।इस अवसर पर सावित्री सिंह ने कहा कि बैठक की विधिवत सूचना न देकर सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना दी जा रही है।

समितियां गठित हुई है,पर समितियों की कोई बैठक आहूत नही की गई,कुछ समितियों की बैठक भी हुई है,पर उनके फोल्डर उपलब्ध नही है,तो बैठक किस बात की,इसीलिए हम पांच सदस्यों ने सदन से बाहर निकलकर बैठक का बहिष्कार किया है।उन्होंने कहा कि जिला पंचायत निर्वाचन उपरांत नियमतः समितियां गठित होती है,समितियों के सचिव होते है,इनके माध्यम से फोल्डर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के समक्ष जाते है,तदुपरांत फोल्डर एकत्रित कर सामान्य प्रशासन को जाता है,जिसके आधार पर बैठक के दौरान हम अपनी बात रखते है,पर यहां ऐसा कुछ नही हुआ।

जिला पंचायत सदस्य ओमकार सिंह ने कहा कि नियमतः हर माह बैठक होनी चाहिए पर निर्वाचन उपरांत 28 सितंबर को पहली बैठक आहूत की गई थी,अब दूसरी बैठक तीन माह बाद हो रही है।इसके अलावा स्थायी,शिक्षा,वन,निर्माण,कृषि सहित सभी समितिया बन गई है परन्तु कुछेक समितियों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश समितियों की बैठक भी क़ई माह बीतने के बाद भी आहूत नही की गई है,जो नियम के विपरीत है।जिला पंचायत सदस्य केशव वर्मा ने कहा कि जिन अपेक्षाओं और क्षेत्रीय विकास को लेकर जनता ने हमे जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित किया है।

हम सफल नही हो पा रहे,सोशल मीडिया के माध्यम से बैठक आदि की जानकारी दी जा रही है,जिसे बिल्कुल उचित नही कहा जा सकता,उन्होंने कहा कि अभी गत माह दिसंबर में 22 से 24 जबलपुर में प्रशिक्षण था, जिसमे 8 सदस्यों को सम्मिलित होना था,इसकी जानकारी भी सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई,आज होने वाली सामान्य सभा की बैठक की भी जानकारी सोशल मीडिया से दी गई।उन्होंने यह भी कहा कि समितियों के गठन के बाद भी बैठक न होना, फोल्डर न बनना,सामान्य प्रशासन के समक्ष फोल्डर न पहुंचना, क्षेत्रीय विकास पर कुठाराघात जैसा है।

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