बांधवगढ़ नेशनल पार्क का मामला: बाघ दिखाने के नाम टिकटों का ब्लैकमेल, 15 से 20 हजार रुपए तक की टिकट हुई ब्लैक

पर्यटन अधिकारी ने की शिकायत, तो पुलिस ने किया गोलमाल.
 
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उमरिया। हिन्दुस्तान के नक्शे में जाना जाने वाला बांधवगढ़ नेशनल पार्क में  कई रिसोर्ट संचालकों ने अपने तरीके से पर्यटकों को लुभाने के लिए और अपनी पूछ परख बढ़ाने के लिए टिकटों के ब्लैक मेल करने का सिलसिला शुरू किया। इस मामले में जब बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पर्यटन अधिकारी ने ब्लैक में टिकट खरीदने वालों को पकड़ा तो भूचाल सा मच गया।

गौरतलब है कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पयर्टन अधिकारी ने 25 दिसम्बर 2023 को पुलिस चौकी प्रभारी ताला को एक पत्र लिखा जिसमें टिकट काउंटर पर अनियमिता करते हुए पाए जाने वाले व्यक्तियों पर उचित कार्यवाही करने की बात कही गई। मजेदार बात यह है पर्यटन अधिकारी उन तीनों ही टिकट ब्लैकमेलरो को पुलिस को भी था लेकिन मामले कार्यवाही करने के बजाय पुलिस ने उन्हें चलता कर दिया और अज्ञात बना दिया। जबकि टिकट काउंटर पर  सीसी टीव्ही कैमरा मौजूद है उसके बावजूद सारी पहचान होने को बावजूद भी मामले को दबा दिया गया।

इस तरह के कई मामले बांधवगढ में सामने आए लेकिन उस पर पुलिस पर्दा डाल दिया। गौरतलब है कि 2550 रुपए का टिकट 5 हजार से लेकर 12 हजार रुपए तक बेचकर कालाबाजारी करने का मामला भी सुर्खियों में रहा है। एजेंट अलग-अलग आईडी थे थोक में टिकट बुक कराते थे और पर्यटकों को पोर्टल  पर संबंधित टाइगर रिजर्व में फुल दिखाई देता था। सौदा पटने पर एजेंट अपनी बुक टिक कैंसिल कर देते थे और पर्यटकों से सौदे का खेल होता था। कालाबाजारी का मामला खुलने के बाद वन विभाग ने सभी टाइगर रिजर्व में तत्काल आन लाईन बुकिंग सेवा पर 1 जनवरी से प्रतिबंध भी लगा दिया है। एमपी ऑनलाईन से बार-बार टिकट बुक करने और टिकट कैसिंल करने वाले एजेंटे के बुक टिकटों का हिसाब किताब भी रखा जाएगा। कुल मिलाकर अब पयर्टकों से सौदा मुश्किल हो गया है।

गौरतलब है यह

वन विभाग ने जो सिस्टम बनाया है, उसमें किसी पर्यटक को वेंटिग टिकट नहीं मिलेगी। रिशडूल के बाद टिकट निरस्त किए तो रिफंड वापसी नहीं होगी। पहले से बुक ऑनलाईन टिकट कैसिंल करने पर उसकी स्थिति ऑनलाईन नहीं दिखेगी। संबंधित टाइगर रिजर्व के अधिकृत पोर्टल पर संबंधित तिथि के 1 दिन पहले दिखेंगे, उनकी बुकिंग कांउटर से होगी।

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