एमपी के उमरिया जिले में जेल अधीक्षक ने शुरु की संगीत शाला, करा रहे योग व्यायाम एवं खेल

 
एमपी के उमरिया जिले में जेल अधीक्षक ने शुरु की संगीत शाला, करा रहे योग व्यायाम एवं खेल

उमरिया जिले के जेल अधीक्षक डी०के० सारस ने बताया कि जिला जेल उमरिया में परिरूद्ध 09 बंदियों ने हारमोनियम सीखने के लिए नाम अंकित कराया है। अतः इन बंदियों को इनकी अभिरुचि को द्रष्टिगत रखते हुए इस कार्य को सामाजिक संस्था प्रजापति ब्रम्हकुमारी आश्रम उमरिया की संचालिका बी०के० निशा बहन शिल्पी एवं बहन निकेता प्रजापति ने संयुक्त रूप से संगीत शिक्षा देने की जिम्मेदारी ली है। वे सप्ताह में एक दिन जेल में अन्दर बंदियों को संगीत की शिक्षा दे रही है।

बंदियों में सीखने की इच्छा होने से वे नियमित संगीत का अभ्यास कर रहे है। जेल उप अधीक्षक एम० एस० मरावी ने संगीत की शिक्षा ले रहे बंदियों को अनुशासन में रहकर शिक्षा प्राप्त कर अभ्यास करने की प्रेरणा देकर शुभकामनाए दिये है।

वही बी० के० निशा बहन जी ने कहा कि बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए स्वरोजगार के माध्यम से जीवन यापन के लिए संगीत अच्छा साधन है। संगीत के माध्यम से वर्तमान में अधिक स्वरोजगार के उपाय एवं अवसर है। बंदी जेल से रिहा होकर इसे स्वरोजगार के लिए अपना सकते है। जेल अधीक्षक डी०के०सारस ने अवगत कराया कि हारमोनियम के अतिरिक्त बैंड प्रशिक्षण , बेन्जो एवं बासुरी वादन तथा तबला, ठोलक बजाने / सीखने का प्रशिक्षण भी शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। इस हेतु 20 बंदियों ने प्रशिक्षण लेने की मंशा जाहिर की है।

सामाजिक संस्था एवं गणमान्य नागरिक के सहयोग से इस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है। सकारात्मक सोच से बंदियों के जीवन शैली पर अच्छा प्रभाव है। वे अनुशासन में रहकर माननीय न्यायालय के आदेश से परिरूद्ध होने की अवधि को प्रशिक्षण लेने तथा अच्छा कार्य व्यवहार, चाल-चलन , बोल-चाल और व्यस्त रहते हुए जीवन जीने की नई शुरुआत कर रहे है। इस प्रशिक्षण से बंदीगण अत्यंत प्रसन्नचित है।

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