मौसम का यू-टर्न: 26 दिसंबर से फिर शुरू होगा बारिश का दौर, IMD ने इन राज्यों के लिए जारी किया भारी बारिश का रेड अलर्ट!

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 26 से 28 दिसंबर के बीच देश के कई राज्यों में भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। जानिए आपके शहर के मौसम का हाल।

 
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IMD Weather Alert: 26-28 दिसंबर को इन राज्यों में होगी भारी बारिश, रहें सावधान! मौसम दिखाएगा नया अंदाज़ 26-28 दिसंबर को जमकर बरसेंगे बादल
​भारत में सर्दी का सितम जारी है, लेकिन इसी बीच मौसम विभाग (IMD) ने एक नई चेतावनी जारी कर दी है। आने वाले दिनों में देश के कई हिस्सों में मौसम की करवट बदलने वाली है। 26 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच देश के कई राज्यों में भारी बारिश, गरज-चमक और कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। यह बदलाव एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण होने वाला है, जो उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक को प्रभावित करेगा।
​क्यों बदल रहा है मौसम?
​मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्र में एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इसके प्रभाव से अरब सागर से आने वाली नम हवाएं उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रही हैं। जब ये गर्म नम हवाएं हिमालय की सर्द हवाओं से टकराएंगी, तो बड़े पैमाने पर बादलों का निर्माण होगा, जिससे भारी बारिश की स्थिति बनेगी।
​किन राज्यों में है भारी बारिश का अलर्ट?
​IMD द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित राज्यों में सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है:
​उत्तर प्रदेश: राज्य के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में 26 दिसंबर की रात से बारिश शुरू होने की संभावना है। लखनऊ, कानपुर, मेरठ और आगरा जैसे शहरों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
​राजस्थान: राजस्थान के उत्तरी और पूर्वी जिलों (जयपुर, अलवर, भरतपुर) में ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है। इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
​दिल्ली-एनसीआर: राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में 27 दिसंबर को सबसे ज्यादा बारिश देखी जा सकती है। इसके कारण तापमान में भारी गिरावट आएगी और ठिठुरन बढ़ जाएगी।
​मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड संभाग में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है।
​पहाड़ी राज्य (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड): यहाँ बारिश के साथ-साथ भारी बर्फबारी की चेतावनी दी गई है, जिससे मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप और बढ़ सकता है।
​कृषि और किसानों पर प्रभाव
​इस बेमौसम बारिश का सबसे ज्यादा असर खेती पर पड़ सकता है। जहाँ हल्की बारिश गेहूं और सरसों की फसल के लिए फायदेमंद मानी जाती है, वहीं भारी बारिश और ओलावृष्टि तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और कीटनाशकों का छिड़काव फिलहाल टाल दें।
​यातायात और जनजीवन
​बारिश और संभावित कोहरे के कारण हवाई सेवा, रेल यातायात और सड़क परिवहन प्रभावित होने की पूरी संभावना है। विजिबिलिटी (दृश्यता) कम होने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे लंबी दूरी की यात्रा करने से पहले मौसम के पूर्वानुमान की जांच जरूर कर लें।
​सावधानी ही बचाव है
​IMD ने प्रशासन को 'येलो' और 'ऑरेंज' अलर्ट पर रहने को कहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि:
​बिजली कड़कने के समय पेड़ों के नीचे या खुले मैदान में न रहें।
​जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें, क्योंकि बारिश के बाद तापमान तेजी से गिरेगा जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है।
​पहाड़ी क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटक बर्फबारी और भूस्खलन के प्रति सतर्क रहें।

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