पश्चिमी विक्षोभ ने थामी बर्फीली हवाओं की रफ्तार, लेकिन तीन दिन बाद फिर कांपेगा मध्य प्रदेश!

मध्य प्रदेश में दो नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय; शीतलहर से मिली momentary राहत, पर 72 घंटे बाद लौटी कड़ाके की ठंड
 
WEATHER
मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच दो नए पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के सक्रिय होने से मौसम में एक बड़ा बदलाव आया है। इन मौसमी प्रणालियों के चलते उत्तरी भारत से आने वाली बर्फीली हवाओं का सिलसिला फिलहाल कमजोर पड़ गया है। इसी कारण, राज्य के लोगों को पिछले कुछ दिनों से जारी भीषण शीतलहर और ठिठुरन से थोड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग (IMD) की मानें तो अगले 3 दिनों तक, यानी करीब 72 घंटों तक, प्रदेशभर में कहीं भी शीतलहर का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। हालांकि, यह राहत अल्पकालिक है, क्योंकि मौसम विशेषज्ञों ने तीन दिन बाद एक बार फिर कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होने की प्रबल संभावना जताई है, जिसके बाद पारा कई शहरों में और नीचे जा सकता है।
​तापमान की स्थिति और वर्तमान राहत
​उत्तरी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय हुए इन दो पश्चिमी विक्षोभों के चलते वहां बर्फबारी और कहीं-कहीं बारिश की गतिविधियां हो रही हैं। यह मौसम प्रणाली हवा के पैटर्न को प्रभावित करती है, जिससे मध्य प्रदेश की ओर आने वाली ठंडी हवाओं की रफ्तार और उनका प्रभाव कम हो गया है। इसी वजह से बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़त दर्ज की गई है, जिससे लोगों को कंपकंपाती ठंड से कुछ सुकून मिला है।
​हालाँकि, शीतलहर से पहले मध्य प्रदेश में सर्दी का सितम जारी था। बीते शनिवार को प्रदेश के लगभग 25 शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया था। शहडोल जिले का कल्याणपुर इलाका प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया था। इसके अलावा, राजगढ़ और पचमढ़ी में 5.4 डिग्री, इंदौर में 5.9 डिग्री, मंदसौर में 6 डिग्री और शाजापुर के गिरवर में 6.4 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था। भोपाल में भी रात का पारा 6.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
​तीन दिन बाद फिर बढ़ेगी ठिठुरन
​मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले तीन दिनों तक ही रहेगा। जैसे ही ये मौसमी सिस्टम आगे बढ़ेंगे और इनका प्रभाव खत्म होगा, एक बार फिर उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाएं अपनी पूरी रफ्तार पकड़ लेंगी। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण यह हवाएं और भी ज्यादा ठंडी होकर मध्य प्रदेश की ओर रुख करेंगी, जिससे राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
​माना जा रहा है कि 3 दिन बाद से शीतलहर का एक नया और जोरदार दौर शुरू होगा। इस दौरान न केवल रात के तापमान (न्यूनतम) में गिरावट आएगी, बल्कि दिन के तापमान (अधिकतम) में भी कमी दर्ज की जाएगी, जिससे दिन में भी लोगों को तेज ठंड का सामना करना पड़ सकता है। ग्वालियर, चंबल, भोपाल, सागर और रीवा संभागों के जिलों में विशेष रूप से कड़ाके की ठंड पड़ने की आशंका है।
​किसानों के लिए सलाह
​मौसम में आने वाले इस बदलाव को देखते हुए किसानों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। आने वाले दिनों में पाला पड़ने की संभावना बन सकती है। ऐसे में फसलों को पाले के प्रकोप से बचाने के लिए उचित उपाय करना आवश्यक है, जैसे कि हल्की सिंचाई करना या धुआं करना।
​मौसम का पूर्वानुमान: एक नजर में
​वर्तमान स्थिति: दो नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से शीतलहर का प्रभाव कम हुआ।
​अगले 3 दिन: शीतलहर से राहत, दिन और रात के तापमान में मामूली वृद्धि।
​3 दिन बाद: पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होते ही, बर्फीली हवाओं से कड़ाके की ठंड का नया दौर शुरू होगा।
​मध्य प्रदेश के मौसम से जुड़ी किसी अन्य जानकारी या अपने शहर के तापमान के बारे में जानना चाहेंगे?

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