रीवा सांसद के आदर्श ग्राम हरदुआ गेहूं खरीदी केंद्र में व्यापक गड़बड़ी, कलेक्टर ने जारी किया नोटिस

रीवा जिले के सेमरिया तहसील अंतर्गत आने वाले हरदुआ की सेवा सहकारी समिति में संचालित गेहू उपार्जन केंद्र में व्यापक गड़बड़ी सामने आई है।
 
Hardua
इसके लिए रीवा कलेक्टर के द्वारा एक पत्र जारी करके हरदुआ समिति को नोटिस देकर जवाब-तलब किया गया है। जवाब प्रस्तुत न करने की स्थिति में कलेक्टर द्वारा समिति के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। 
समिति में पाई गई व्यापक गड़बड़ी 
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि कनिष्ठ अपूर्ण अधिकारी विकासखंड सिरमौर द्वारा हरदुआ केंद्र का निरीक्षण करने के दौरान व्यापक अनियमित पाई गई है। जिसमें केंद्र में तौल कांटा नहीं पाया गया और पत्र भी पुराने प्रस्तुत किए गए हैं। केंद्र में न तो हवा पानी की व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई की। गेहूं सीधे सरकारी वरदानों में भरवारा जा रहा है। इतना ही नहीं केंद्र में पहुंचने वाले गेहूं की जांच भी नहीं की जा रही, जबकि गेहूं की नमी की जांच करने के बाद खरीदी की जानी चाहिए, इतना ही नहीं केंद्र में नमी जचने वाला मीटर ही उपलब्ध नहीं है।
सिरमौर के अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह भी पाया गया है कि गेहूं के रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं है और यहां गेहू को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल तक उपलब्ध नही है। बोरियों में जो टैग लगाए गए हैं उनमें किसान कोड एवं नाम उल्लेखित नहीं किया गया है। जिससे कृषकों की गणना नहीं हो पा रही है। केंद्र में आवक रजिस्टर नहीं बनाया गया और इसमें लीपा पोती की गई है। किसानों को टोकन नहीं दिए जा रहे हैं बिना टोकन के ही किसानों से खरीदी की जा रही है। खरीदी केंद्र में खरीदे गए गेहूं की बोरियां भी अस्त-व्यस्त पाई गई है। 
जांच के दौरान नहीं दी गई जानकारी 
कलेक्टर द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है की खरीदी केंद्र प्रबंधक के द्वारा जांच के दौरान चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई और खरीदी केंद्र को मनमानी ढंग से संचालित किया जा रहा है। बिचौलियों से कंम दाम में गेहूं लेकर फर्जी एंट्री कर गेहू का उपार्जन पाया जा रहा है। जिससे यह साफ जाहिर है कि खरीदी केंद्र प्रबंधक के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के विपरीत मनमानी ढंग से केंद्र का संचालन किया जा रहा। गेहूं खरीदी केंद्र प्रबंधक द्वारा गेहूं उपार्जन नीति के विपरीत और उल्लंघन है। प्रशासन के द्वारा तीन दिवस के अंदर इस पर जवाब मांगा गया है। केंद्र प्रबंधक द्वारा अगर समय पर सही जानकारी न दी गई तो जिला प्रशासन द्वारा संबंधित केंद्र को ब्लैकलिस्टेड करके निलंबन एवं अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।

Tags