भारत ने बजाया डंका: जापान को पछाड़ा, चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना

भारत ने विश्व अर्थव्यवस्था में जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। जानें कैसे GDP, विकास दर और आर्थिक नीतियों ने इस उपलब्धि में योगदान दिया।

 
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साल 2025 के अंतिम सप्ताह में भारत ने एक ऐतिहासिक आर्थिक उपलब्धि अर्जित की है: देश ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। यह आंकड़ा मूल्यांकन के अनुसार लगभग 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (USD) के जीडीपी स्तर पर आधारित है, जिससे भारत अब मात्र यूएस, चीन और जर्मनी के पीछे चौथे स्थान पर खड़ा है।
यह उपलब्धि केवल सांख्यिकी नहीं है, बल्कि वर्षों की योजना, आर्थिक सुधार, घरेलू निवेश, निर्यात तथा मांग-आधारित विकास का परिणाम भी है। इस रिपोर्ट की पुष्टि सरकारी आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा की गई है। 
क्या आंकड़े कहते हैं?
✔ नॉमिनल जीडीपी (Nominal GDP): भारत की अर्थव्यवस्था 4.18 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। 
✔ जापान की अर्थव्यवस्था: तुलनात्मक रूप से जापान की जीडीपी का आकलन इसी स्तर के आसपास रहा है, पर भारत ने इस वर्ष उसे पार कर लिया। 
✔ दुनिया में रैंक:
अमेरिका
चीन
जर्मनी
भारत
जापान आदि क्रमशः देशों में हैं। 
अर्थात् यह उपलब्धि वैश्विक आर्थिक शक्ति संतुलन के लिहाज से महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
📈 भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी के प्रमुख कारण
✔️ उच्च आर्थिक विकास दर
भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले कुछ वर्षों में बाक़ी विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अत्यंत मजबूत रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रेवाइज़ अनुमान के अनुसार भारत का विकास दर औसतन 7% से अधिक रहा है, जो G20 देशों में सबसे तेज़ है। 
✔️ विकसित घरेलू मांग एवं निवेश
देश में निरंतर बढ़ती ग्राहक मांग, बुनियादी ढांचा निवेश, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की गति ने घरेलू आर्थिक गतिविधियों को मजबूत किया है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और रिटेल निवेश जैसे कार्यक्रमों ने विकास को बढ़ावा दिया है।
✔️ निर्यात और वैश्विक साझेदारी
भारत की वस्तु एवं सेवा निर्यात में भी वृद्धि दर्ज की गई है। यह वैश्विक आर्थिक पुनर्निर्माण के दौर में प्रतिस्पर्धी बन रहा है, खासकर टेक्नोलॉजी, फार्मा, ऑटोमोबाइल और कृषि उपज के क्षेत्रों में।
✔️ विकास के लिए नीति सुधार
सरकार द्वारा किए गए नीति सुधार — जैसे बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, टैक्स प्रणाली की सरलता, विदेशी निवेश को आकर्षित करना — ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
🌐 वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति
भारत की यह उपलब्धि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ती है। अब भारत न केवल एक स्थानीय उभरती शक्ति है, बल्कि वह विश्व अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभों में से एक बनता जा रहा है। 
IMF और अन्य वैश्विक संस्थान भी यह मान रहे हैं कि भारत की इस प्रगति-यात्रा में स्थिरता है और आने वाले वर्षों में यह गति और बढ़ सकती है। IMF की अनुमानित रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी अगले वर्ष और अधिक बढ़ सकती है। 
🧠 विश्लेषण: मौका और चुनौतियाँ
📌 प्रमुख अवसर
🔹 भारत अब वैश्विक निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है।
🔹 युवा आबादी और डिजिटल साक्षरता विकास के लिए मजबूत आधार देती है।
🔹 देश में कौशल विकास और तकनीकी नवाचार का तेजी से विस्तार हो रहा है।
⚠️ चुनौतियाँ
🔻 प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income): जब भारत मात्रा-आधारित अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर है, तो प्रति व्यक्ति आय अभी भी जापान, जर्मनी या अमेरिका जैसे देशों की तुलना में कम है। 
🔻 रोज़गार सृजन: युवा आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियाँ उपलब्ध कराना अभी भी एक चुनौती है।
🔻 गरीबी और असमानता: देश में कुछ हिस्सों में गरीबी और सामाजिक असमानता अभी भी व्यापक है, जो दीर्घकालिक विकास लक्ष्य के लिए चुनौतियाँ पैदा कर सकता है।
इन चुनौतियों का सामना कर भारत को सतत, समावेशी और मानव-केंद्रित विकास की दिशा पर ध्यान देना आवश्यक है।
 आगे की राह — तीसरा सबसे बड़ा क्या संभव है?
सरकार और आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर वर्तमान वृद्धि की गति बनी रहती है, तो भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जो मुख्यतः जर्मनी को पीछे छोड़ने का संकेत देगा। यह लक्ष्य GDP और आर्थिक संरचना के सुधार पर आधारित एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। 

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