Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता डॉक्टर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच करेगी सुनवाई
Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से बर्बरता से पूरे देश में उबाल है, डॉक्टर धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं तो सियासी शोर भी चरम पर है। एक तरफ भाजपा और पीडि़त परिवार मुख्यमंत्री ममता बनर्ती से जवाब मांग रहे हैं तो दूसरी ओर ममता दोषियों को फांसी की सजा मांगकर अपना दामन बचाने में जुटी हैं। ममता की तृणमूल कांग्रेस घटना के दोषियों की मांग को लेकर अब हर जिले में धरना देगी। उधर, मामले में पर्दाफाश करने के लिए ममता बनर्जी की ओर से सीबीआइ को दिया समय रविवार को खत्म हो गया। इस बीच रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया। सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मंगलवार को इस पर सुनवाई करेगी। सीबीआइ ने रविवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष से लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। घोष पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद कथित तौर पर उसे आत्महत्या बताया था। सीबीआई की टीम अब उनके फोन रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या उन्होंने वाकई में ऐसा कहा था। डॉ. घोष ने सफाई दी कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। रविवार को ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामले में आरोपी संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया गया।
टीएमसी सांसद बोले- सब विरोध करें, चाहे कुछ भी हो जाए
सत्तारूढ़ टीएमसी के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े करते हुए खुद भी प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान किया है। रॉय ने एक्स पर लिखा, वह खासकर इसलिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह उनकी भी एक बेटी और छोटी पोती है। ऐसे में हमें इस अवसर पर आगे आना होगा। महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो चुकी है। आइए सब मिलकर इसका विरोध करें। चाहे कुछ भी हो जाए। सच्चाई सामने आनी ही चाहिए। दरिंदों को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है? जो भी इस अपराध के लिए जिम्मेदार है, उसे फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। पुलिस आयुक्त को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बयान पर सुखेंदु को कोलकाता पुलिस ने नोटिस भेजा है। इस बीच रविवार को टीएमसी नेता कुणाल घोष ने पुलिस जांच पर सवाल उठाने वाले रॉय के बयान पर आपत्ति जताई। कुणाल घोष ने कहा, ये आरोप निराधार हैं, कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की है।
पहचान उजागर करने पर तीन को नोटिस
कथित रूप से पहचान उजागर करने पर पुलिस ने डॉ. कुणाल सरकार, डॉ. सुपर्णा गोस्वामी और भाजपा की लॉकेट चटर्जी को नोटिस जारी किया गया है। एक वीडियो क्लिप के साथ बांग्ला में किए गए इस सोशल मीडिया पोस्ट में लॉकेट चटर्जी ने कहा था कि बलात्कारियों को पहचान लीजिए. आरजी कर अस्पताल में तोडफ़ोड़ के पीछे क्या इसी व्यक्ति का हाथ था? और उसने किन लोगों के कहने पर हमले किए? हमला करने का उद्देश्य क्या था? बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं। इस व्यक्ति की गिरफ्तारी होते ही पूरा मामला सामने आ जाएगा।
भाजपा नेता ने लगाया विसरा बदलने का आरोप
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर सबूत नष्ट कराने के गंभीर आरोप लगाए हैं। एक्स पर उन्होंने कोलकाता पुलिस पर पीडि़ता डॉक्टर के विसरा को बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद और विश्वास है कि सीबीआई जांच के दौरान इन पहलुओं की भी जांच करेगी, क्योंकि मामले को दबाने के लिए की जा रही औपचारिक जांच की सीधे निगरानी की जा रही थी और यह कोलकाता के पुलिस आयुक्त के निर्देश पर की जा रही थी।
मां का दर्द, शरीर पर एक कपड़ा था, हाथ टूटा हुआ था मुंह-आंखों से खून निकल रहा था
बेटी खोने के बाद पहली बार पीडि़ता की मां का दर्द सामने आया है। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि उस दिन हॉस्पिटल से फोन आया कि बेटी की तबीयत खराब है। फिर बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली। जब मैं अस्पताल पहुंची तो पहले बेटी के डैड बॉडी को देखने नहीं दिया। जब इजाजत मिली तो देखा, उसकी पेंट खुली थी, शरीर पर सिर्फ एक कपड़ा था। हाथ टूटा पड़ा था और मुंह और आंखों से खून निकल रहा था। मैंने कहा उनसे कहा, यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। हमने बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने पुलिस के काम पर असंतोष जताया और कहा कि ऐसा लगता है कि सीएम ममता बनर्जी विरोध रोकने की कोशिश कर रही हैं। मुझे यकीन है कि इस घटना में कई और लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा, अस्पताल प्रशासन का रवैया भी ठीक नहीं रहा। कोलकाता पुलिस ने भी सहयोग नहीं किया। उनकी कोशिश थी कि जल्द से जल्द पोस्टमार्टम कर शव को हटा दिया जाए।