Sugarcane Farming: गन्ने के साथ इन फसलों की खेती से दुगुना होगा मुनाफा

गन्ने के साथ अंतरवर्ती खेती कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। जानें कौन-सी फसलें लगाएं और कैसे बढ़ाएं मुनाफा।

 
Sugarcane Farming

भारत में गन्ना किसानों की आय का मुख्य आधार है, लेकिन केवल एक ही फसल पर निर्भर रहने से लागत बढ़ती है और जोखिम भी रहता है। ऐसे में गन्ने के साथ अंतरवर्ती फसल (Intercropping) किसानों के लिए एक अत्यंत लाभकारी तकनीक बनकर उभरी है। इससे न सिर्फ खेत की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि किसानों की आमदनी लगभग दोगुनी तक हो सकती है।

 क्या है गन्ने की अंतरवर्ती खेती?

जब गन्ने की पंक्तियों के बीच दूसरी फसल उगाई जाती है तो इसे Intercropping कहते हैं। इससे भूमि का अधिकतम उपयोग होता है और खाली स्थान से अतिरिक्त आमदनी मिलती है।

 गन्ने के साथ कौन-सी फसलें लगाएं?

1️⃣ दलहनी फसलें – मूंग, उड़द, चना

नाइट्रोजन फिक्सेशन से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है

45–60 दिन में तैयार

₹20,000–30,000/एकड़ अतिरिक्त लाभ

2️⃣ तेलहनी फसलें – सरसों, तिल, मूंगफली

गन्ने की जड़ों को पोषण

अतिरिक्त तेल उत्पादन से कमाई

3️⃣ सब्जियां – आलू, गोभी, मटर, धनिया, पालक

25–40 दिन में तुड़ाई

₹40,000–60,000/एकड़ अतिरिक्त आय संभव

4️⃣ मसाले – हल्दी, अदरक, लहसुन

बाजार में अधिक मांग

लंबे समय तक भंडारण

कितना बढ़ेगा मुनाफा?

खेती का तरीका

अनुमानित आमदनी (₹/एकड़)

केवल गन्ना

₹70,000 – ₹90,000

गन्ना + अंतरवर्ती फसल

₹1,20,000 – ₹1,60,000

 मुनाफा लगभग दोगुना

 अंतरवर्ती खेती के प्रमुख फायदे

 मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है

खरपतवार नियंत्रण आसान

कीट रोगों का असर कम

 जोखिम कम, आमदनी अधिक

जल संरक्षण में मदद

 उन्नत खेती के लिए जरूरी टिप्स

कतार दूरी: 120–150 सेमी

ड्रिप सिंचाई अपनाएं

जैविक खाद का उपयोग

संतुलित उर्वरक प्रबंधन

फसल चक्र अपनाएं

 सरकारी सहायता और योजनाएं

PM-KISAN

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)

सूक्ष्म सिंचाई योजना

इन योजनाओं से किसानों को बीज, खाद और सिंचाई में सब्सिडी मिलती है।

 विशेषज्ञों की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गन्ने के साथ दलहन व सब्जी फसलों की मिश्रित खेती से मिट्टी की सेहत सुधरती है और किसान को पूरे वर्ष नकदी मिलती रहती है।

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