भारत का केंद्रीय बजट केवल आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आर्थिक दिशा तय करने वाला सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम है। हर साल फरवरी के महीने में पूरा देश बजट भाषण पर टकटकी लगाए बैठा रहता है। Union Budget 2026 भी इसी कड़ी का अगला अध्याय होगा, लेकिन इससे पहले जानना जरूरी है कि आखिर भारत में बजट पेश करने की तारीख कब बदली, क्यों बदली और इसके पीछे क्या ऐतिहासिक कारण रहे हैं।
भारत में पहला बजट कब पेश हुआ?
भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश शासन के दौरान जेम्स विल्सन ने पेश किया था। उस समय बजट का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के खर्चों को नियंत्रित करना और राजस्व व्यवस्था को मजबूत बनाना था।
आजादी के बाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आर. के. षणमुखम चेट्टी ने प्रस्तुत किया।
पहले बजट फरवरी की जगह जुलाई में क्यों आता था?
आज हमें फरवरी में बजट सुनने की आदत है, लेकिन लंबे समय तक भारत का बजट फरवरी की बजाय जुलाई में पेश किया जाता था।
इसकी वजह थी —
ब्रिटिश कैलेंडर प्रणाली
कृषि चक्र
मानसून आधारित अर्थव्यवस्था
ब्रिटिश सरकार अपने वित्तीय वर्ष को अप्रैल से मार्च तक नहीं, बल्कि जुलाई से जून तक मानती थी। इसी वजह से आजादी के बाद भी भारत ने यह परंपरा कुछ समय तक जारी रखी।
कब बदली बजट पेश करने की तारीख?
2017 से पहले भारत का आम बजट फरवरी के आखिरी कार्यदिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था।
लेकिन 2017 में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक बदलाव करते हुए —
बजट की तारीख फरवरी की शुरुआत में कर दी
और समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया
यह बदलाव वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में किया गया।
तारीख बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?
सरकार ने इसके पीछे कई अहम कारण बताए —
नई योजनाओं को जल्दी लागू करने के लिए
पहले बजट फरवरी के अंत में आता था और विभागों को योजना लागू करने में मार्च-अप्रैल निकल जाता था।
अब फरवरी 1 को बजट आने से पूरा वित्तीय वर्ष सरकार के पास रहता है।
लोकसभा चुनावी आचार संहिता से टकराव रोकने के लिए
चुनावी सालों में बजट लागू करना मुश्किल हो जाता था।
कृषि चक्र के अनुरूप नीतियाँ बनाने के लिए
रेल बजट का विलय भी एक ऐतिहासिक फैसला
2017 में ही एक और बड़ा बदलाव हुआ —
रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया।
अब अलग से रेल बजट नहीं आता, जिससे सरकारी संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव हुआ।
बजट भाषण का समय क्यों बदला गया?
पहले बजट शाम 5 बजे इसलिए पेश होता था क्योंकि ब्रिटेन में उसी समय कामकाज शुरू होता था।
भारत ने औपनिवेशिक परंपरा तोड़ते हुए इसे सुबह 11 बजे कर दिया।
Union Budget 2026 से जुड़ी उम्मीदें
Union Budget 2026 में सरकार से निम्न क्षेत्रों पर खास ध्यान देने की उम्मीद है —
महंगाई नियंत्रण
रोजगार सृजन
किसानों की आय बढ़ाना
डिजिटल इंडिया
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास
हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर
इतिहास से सीख
बजट की तारीख और प्रक्रिया में हुए ये बदलाव दर्शाते हैं कि भारत की आर्थिक व्यवस्था समय के साथ कितनी परिपक्व और आत्मनिर्भर हुई है। Union Budget 2026 उसी परंपरा का अगला अध्याय होगा।