रीवा समेत MP के 14 स्टेशनों को रेलवे ने दी सौगात!

पमरे के 14 स्टेशनों पर पार्सल प्रबंधन प्रणाली की सुविधा उपलब्ध
 
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पार्सल यातायात की बुकिंग पश्चिम मध्य रेल में कॉम्प्यूटरीकृत पार्सल प्रबंधन प्रणाली (पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम) से भी की जा रही है। रेलवे में पार्सल प्रबंधन प्रणाली का प्रमुख उद्देश्य पार्सल यातायात में वृद्धि करके पार्सल आय को बढ़ाना, पार्सल जगह का अधिकतम उपयोग, दावों को कम करना, कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना एवं ग्राहक संतुष्टि में सुधार लाना है। 

पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों पर 14 रेलवे स्टेशनों पर पार्सल प्रबंधन प्रणाली की सुविधा उपलब्ध हैं। इस प्रकार जबलपुर मण्डल में जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा, दमोह, सागर, नरसिंहपुर एवं गाडरवारा स्टेशनों पर, भोपाल मण्डल पर भोपाल, बीना एवं इटारसी स्टेशनों पर और कोटा मण्डल पर कोटा, सवाई माधोपुर एवं भरतपुर स्टेशनों पर पार्सल यातायात के लिए कॉम्प्यूटरीकृत पार्सल प्रबंधन प्रणाली उपलब्ध है। 

इस प्रणाली से पार्सल यातायात एवं लगेज को ट्रैक करना काफी आसान हो गया है। सामान लोड होते ही बुक करने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर मेसेज आता और गंतव्य पर पहुँचने की भी जानकारी प्राप्त होती है। पार्सल प्रबंधन प्रणाली से रेल कर्मचारियों को भाड़े (Freight) की ऑटोमेटिक गणना और मानवीय गलतियों में कमी होगी तथा ग्राहकों को परिवहन के दौरान पार्सलों के वर्तमान स्थिति की सटीक जानकारी और साथ ही बुकिंग एवं वजन में कम समय लगेगा।
पार्सल की सम्पूर्ण जानकारी को वेबसाइट www.parcel.indianrail.gov.in पर भी उपलब्ध है।

पार्सल प्रबंधन प्रणाली की मुख्य विशेषताएं 


* पार्सलों का वजन इलेक्ट्रॉनिक तुलाई मशीन से सीधे कंप्यूटर द्वारा किया जाता है ।
* एक ही खिड़की पर बुकिंग एवं कैश भुगतान सम्भव है।
* गंतव्य स्टेशन को आवक यातायात के बारे में पूर्व सूचना प्राप्त होती है।
* प्राथमिकता के अनुसार लादान किया जाता है।
* बार कोड तकनीक की सहायता से पैकजों की ट्रेसिंग आसान हो जाती है।

पार्सल प्रबंधन प्रणाली से फायदे 


* प्रबंधन हेतु जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।
* पार्सल यातायात में वृद्धि से पार्सल आय में बढ़ोत्तरी होगी।
होता है एवं ओवर कैरेज पर नियंत्रण किया जा सकता है।
* मध्यवर्ती स्टेशनों को लदान किए गये पार्सलों के बारे में अग्रिम जानकारी होती है जिससे पार्सल जगह का अधिकतम उपयोग